भोपाल: राज्य सरकार ने वन विभाग के अंतर्गत बनी वृक्षारोपण नीति में बदलाव कर दिया है। दरअसल बिगड़े वनों को पुनर्स्थापित करने के लिये 10 दिसंबर 2021 को संयुक्त/सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से कॉरपोरेट सोशन रिस्पांसिबिलिटी, कॉरपोरेट एनवायरमेंट रिस्पांसिबिलिटी एवं अशासकीय निधियों के उपयोग से वृक्षारोपण की नीति जारी की गई थी। इसमें वन भूमि पर किये जाने वाले पौधरोपण हेतु न्यूनतम 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल के चयन का प्रावधान था।
अब बदलाव कर कहा गया है कि नीति में जहां कहीं वृक्षारोपण का उल्लेख हुआ है, उसे पौधरोपण पढ़ा जायेगा। इसके अलावा, जहां 10 हेक्टेयर से कम वन भूमि उपलब्ध है, वहां छोटे-छोटे क्षेत्रफल को क्बल कर 10 हेक्टेयर या इससे अधिक में पौधरोपण किया जायेगा। खनन क्षेत्र में जहां रोपण की स्थिति न हो, वहां आसपास स्थित उपयुक्त क्षेत्रफल में पौधरोपण किया जाएगा।
इसी प्रकार, अब पौधरोपण की राशि वन विकास अभिकरण के खाते में रखी जायेगी और 10 हेक्टेयर की सीमा प्राप्त होने पर उक्त खाते से राशि वन विभाग द्वारा जिला स्तर पर पौधरोपण हेतु उपयोग में लाई जाएगी।