विकास के समग्र दृष्टिकोण से काम, MP अब बीमारू से बेमिसाल विकास का राज्य


स्टोरी हाइलाइट्स

गृहमंत्री अमित शाह ने जारी किया मध्यप्रदेश सरकार का रिपोर्ट कार्ड

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश प्रगति के सभी क्षेत्रों में आगे है। भोपाल से लेकर हर चौपाल तक विकास हुआ है। मध्यप्रदेश में हॉलिस्टिक एप्रोच (समग्र दृष्टिकोण) से कार्य हुआ है। मध्यप्रदेश को देश के विकसित राज्यों  में पहुँचाने का प्रयास किया गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को प्रगति की ओर उन्मुख राज्य बनाया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने ये बात भोपाल के कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर में गरीब कल्याण महाअभियान में मध्यप्रदेश के रिपोर्ट कार्ड (2003-2023) को जारी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कभी बीमारू कहा जाता था, आज बेमिसाल विकास का राज्य कहा जाता है। जो कभी बंटाढार माना जाता था, आज वह हर क्षेत्र में बुलंदियों पर खड़ा है। आज विकास की दृष्टि से हर पैरामीटर में मध्यप्रदेश आगे दिखाई देता है, जिसे कभी बर्बाद कर राइट ऑफ किया गया था।


केन्द्रीय मंत्री शाह ने मध्यप्रदेश की उपलब्धियों का किया विषय वार उल्लेख-

-देश में यदि गत दस वर्ष में 10 प्रतिशत आबादी गरीबी के चक्र से बाहर निकली है तो उसमें मध्यप्रदेश का सर्वाधिक योगदान है।

-मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हर क्षेत्र में ढेर सारे परिवर्तन किए हैं। जहां तक प्रदेश के बजट के आकार की बात हो, यह वर्ष 2002 में 23 हजार 100 करोड़ था। अब यह 3 लाख 14 हजार करोड़ से अधिक है।

-मध्यप्रदेश में शिक्षा का बजट 2556 करोड़ से बढ़कर 38 हजार करोड़ हुआ है। कोई भी समाज शिक्षा के विकास के बिना खड़ा नहीं हो सकता।

-मध्यप्रदेश में पूर्व सरकार के समय स्वास्थ्य का बजट सिर्फ 580 करोड़ रुपये था जो अब 16 हजार करोड़ है। इसमें आयुष्मान भारत योजना शामिल नहीं है।

-सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपये की राशि खर्च होती थी अब लगभग 7 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

-अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण पर में भी बजट में वृद्धि हुई है। पहले जहां 1056 करोड़ रुपये की राशि खर्च होती थी अब 64 हजार 390 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

-सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपये की राशि खर्च होती थी अब लगभग 7 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

-अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण पर में भी बजट में वृद्धि हुई है। पहले जहां 1056 करोड़ रुपये की राशि खर्च होती थी अब 64 हजार 390 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

-मध्यप्रदेश प्रति व्यक्ति आय पहले 11 हजार 700 रुपए थी जो अब बढ़कर एक लाख 40 हजार रुपए हो गई है।

-मोदी जी ने एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का, संपूर्ण विकसित भारत के निर्माण का बीड़ा उठाया है। देश भर में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। देश की अर्थ-व्यवस्था 11वें नंबर पर थी अब पाँचवें नंबर पर पहुँच चुकी है। लगभग 14 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ कर आ गए हैं।

-एमएसएमई सेक्टर में साल भर में 4 हजार 299 उद्योगों के पंजीयन होते थे। अब इनकी संख्या 3 लाख 61 हजार है।

-सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। पहले सिर्फ 60हजार किलोमीटर सड़कें थीं। अब मध्यप्रदेश में 5 लाख 10 हजार किलोमीटर लम्बाई से अधिक की सड़कें हैं जो आठ गुना से भी ज्यादा हैं। एनएच सड़कों की लम्बाई 4800 से बढ़कर 13 हजार किलोमीटर हो गई।

-कृषि क्षेत्र में कृषि विकास दर साढ़े छह गुना बढ़ गई है। गेंहूँ खरीदी 4 लाख 38 हजार मीट्रिक टन से 70 लाख 96 हजार मीट्रिक टन हो गई है। धान खरीदी 0.95 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 46 लाख 30 हजार मीट्रिक टन हो गई है। प्रदेश में 90 लाख से अधिक किसानों को 19 हजार करोड़ रुपए से अधिक लाभ दिए गए हैं।

-मध्यप्रदेश में नि:शुल्क राशन वितरण का लाभ सिर्फ 52 लाख परिवारों को मिलता था जो करीब सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है।

-मेडिकल सीटें 620 थीं जो अब 4 हजार से ज्यादा हैं।

-एकलव्य आवासी आदर्श विद्यालय बिलकुल नहीं थे इनकी संख्या अब 63 है।

-आईटीआई की सख्या 159 से बढ़कर 1514 हो गई है।

-पर्यटन क्षेत्र में सड़कों के बनने से पर्यटक संख्या बढ़ी है। एक समय सिर्फ 64 लाख पर्यटक प्रतिवर्ष आते थे, इनकी संख्या बढ़कर 9 करोड़ हो गई है।

-प्रदेश में तीन शहरों रीवा, ग्वालियर और जबलपुर में एयर पोर्ट विकास और टर्मिनल निर्माण के कार्य हो रहे हैं। इंदौर को दिल्ली- मुम्बई कॉरीडोर में शामिल किया गया ।

-हम सब के लिए गर्व की बात है कि नरेन्द्र मोदी जी को 14 देशों ने अपने सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया है। यह 14 देशों ने जो सम्मान किया है वह नरेन्द्र मोदी जी या भारतीय जनता पार्टी का सम्मान नहीं है, यह व्यक्ति नरेन्द्र मोदी जी का सम्मान नहीं है। यह जो 14 देशों ने सर्वोच्च सम्मान दिया है वह भारत की विकास की गाथा को दिया है, भारत की 140 करोड़ जनता का सम्मान किया है।

-प्रदेश की ऊर्जा क्षमता 29 हजार मेगावाट से भी अधिक है।

-सिंचाई साधनों के विस्तार से 47 लाख हेक्टर से अधिक क्षेत्र सिंचित हो रहा है।

-प्रदेश में 46 लाख से अधिक बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना और 53 लाख से अधिक बहनों को स्वसहायता समूहों से जोड़कर लाभान्वित किया गया है।

-इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल परियोजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं।

-प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 4 से बढ़कर 24 तक हो गई है।

-प्रदेश में जनजातीय समाज के हित में पेसा कानून लागू करने और जनजातीय संस्कृति दिखाने वाले संग्रहालय की स्थापना की जा रही है।

-मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बना है।

-खण्डवा जिले में ओंकारेश्वर में 2400 करोड़ रुपए लागत से विद्युत उत्पादन इकाई प्रारंभ की जा रही है।

-प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की पहल हुई है।

-प्रदेश की आर्थिक विकास दर 16 प्रतिशत से अधिक है।