सोन घडिय़ाल अभयारण्य में रिसोर्ट के निर्माण एवं सीएनजी पाईप लाईन डालने की मंजूरी


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स्टोरी हाइलाइट्स

शर्त रखी गई है कि पर्यटन निगम वन एवं वन्य प्राणियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा तथा परियोजना लागत का 2 प्रतिशत टाईगर फाउंडेशन सोसायटी के खाते में जमा करायेगा।

भोपाल: राज्य सरकार ने सीधी जिले में स्थित सोन घडिय़ाल अभयारण्य में परसिली रिसोर्ट में कान्फ्रेन्स हॉल, टॉयलेट एवं किचन शेड अधोसंरचनायें निर्माण किये जाने हेतु 0.0435 हैक्टेयर वन भूमि तथा कठबंगला परसिली में 16 कमरे, आगन्तुक कक्ष एवं विकास कार्यों हेतु अधोसंरचना निर्माण के लिये 0.1604 हैक्टेयर वन भूमि राज्य पर्यटन निगम को उपयोग हेतु हेतु अनुमति प्रदान कर दी है। इसके लिये शर्त रखी गई है कि पर्यटन निगम वन एवं वन्य प्राणियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा तथा परियोजना लागत का 2 प्रतिशत टाईगर फाउंडेशन सोसायटी के खाते में जमा करायेगा।

इसी प्रकार, सोन घडिय़ाल अभयारण्य के अंतर्गत सीधी एवं सिंगरौली गैस टेरीटेरी में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु सीएनजी गैस आपूर्ति के लिये अभयारण्य में 7 मीटर गहराई में पाईप लाईन डालने के लिये कुल 0.21306 हैक्टेयर भूमि भारत पैट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा उपयोग करने की अनुमति भी प्रदान की गई है। इसके लिये भी उक्त दो शर्तें रखी गई हैं।

उल्लेखनीय है कि सोन घडिय़ाल अभयारण्य की स्थापना 1981 में हुई है तथा यह कुल 209 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 161 लंबी सोन नदी, 23 किलोमीटर बनास और 26 किमी गोपद नदी क्षेत्र शामिल है। अभयारण्य में नदी की पूरी लंबाई के दोनों तरफ की 200 मीटर चौड़ी पट्टी भी शामिल है। यहां पाये जाने वाले मुख्य जलीय जीवों में घडिय़ाल, मगरमच्छ, और कछुआ शामिल हैं। अब ये मामले अंतिम मंजूरी के लिये केंद्र सरकार की राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड के पास जायेंगे।