सिंहस्थ के लिये क्षिप्रा नदी को निर्मल बनाने गठित होगा प्राधिकरण


स्टोरी हाइलाइट्स

ये नियम प्राधिकरण से संबद्ध समस्त इकाईयों और गतिविधियों पर लागू होंगे..!!

भोपाल: राज्य सरकार सीएम मोहन यादव के निर्देश पर वर्ष 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ में क्षिप्रा नदी के निर्मल एवं अविरल प्रवाह हेतु एक प्राधिकरण गठित करने जा रही है। इस प्राधिकरण का नाम क्षिप्रा नदी कछार प्राधिकरण होगा तथा यह मध्यप्रदेश सोयाइटी रजिस्ट्रिीकरण अधिनियम 1973 के तहत पंजीकृत की जायेगी।

इस प्राधिकरण के गठन के लिये नियमों का प्रारुप तैयार कर लिया गया है तथा जल्द ही इसे मंजूरी प्रदान की जायेगी। तैयार नियमों के अनुसार, ये नियम प्राधिकरण से संबद्ध समस्त इकाईयों और गतिविधियों पर लागू होंगे। 

प्राधिकरण के उद्देश्य होंगे: एक, कछार अंतर्गत नदी नालों के दूषित जल को क्षिप्रा नदी से जोडऩे के पूर्व साफ करते हुए क्षिप्रा नदी में निर्मल एवं अविरल प्रवाह सुनिश्चित करने हेतु मार्गदर्शन एवं संबंधित कार्यक्रमों का अनुश्रवण करना। दो, उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वित्तीय सहायता सहित अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था करना। 

तीन, नदी संरक्षण संबंधित प्रशिक्षण एवं शोध की व्यवस्था करना एवं इस हेतु राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थाओं से समन्वय करना। चार, क्षिप्रा नदी कछार अंतर्गत निर्मल एवं अविरल प्रवाह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निर्माण संबंधित कार्यक्रमों के लिए समन्वित कार्य योजना तैयार करवाना एवं इनके क्रियान्वयन से संबंधित नीतिगत निर्णयों हेतु राज्य स्तर पर शीर्ष संस्था के रूप में कार्य करना। प्राधिकरण की साधारण सभा का एक सभापति एवं उपसभापति होगा।