Beggars Free Bharat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट भिखारी मुक्त भारत को क्रियान्वित करने के लिए भोपाल जिला प्रशासन ने राजधानी भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने के लिए कमर कस ली है और इंदौर की तर्ज पर भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक टीम का गठन किया है जो राजधानी भोपाल में मौजूद भिखारियों की प्रोफाइल तैयार करेगी।
राजधानी भोपाल को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने की कवायद के तहत जिला कलेक्टर ने बुधवार को एक टीम गठित किया है। इस टीम में 8 एसडीएम, तहसीलदार और सामाजिक न्याय विभाग अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो शहर में मौजूद सभी भिखारियों प्रोफाइल तैयार करेंगे।
इसके तहत सबसे पहले चौक चौराहों को भिखारी मुक्त किया जाएगा। गौरतलब है कि भोपाल शहर के सबसे ज्यादा भिखारी गोविंदपुरा संभाग में चिन्हित हैं। वहीं, गांधी नगर कॉलोनी में भीख मांगकर अपना गुजारा करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिला कलेक्टर के निर्देशन में गठित टीम भोपाल शहर की सबसे बड़ी भिखारी कॉलोनी गांधी नगर की प्रोफाइल तैयार करेगी और उनके पुनर्वास और आजीविका के लिए योजना तैयार करेगी। जिला प्रशासन ने सबसे पहले चोरांगो में मौजूद भिखारियों को मुक्त कराने की योजना तैयार की है। टीम में शामिल सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी भिखारियों की आजीविका और पुनर्वास के लिए योजना तैयार करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भिखारी मुक्त भारत के ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए भोपाल जिला प्रशासन ने इंदौर जिला प्रशासन से प्रेरित होकर भोपाल में भीख मुक्त अभियान शुरू किया है।
इससे पहले इंदौर कलेक्टर ने इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक आदेश जारी किया था और भिखारियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इंदौर शहर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए जारी आदेश में भिखारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी निर्देश दिया गया है।
इंदौर जिला प्रशासन के आदेश को अमल में लाने और इंदौर में भिखारी मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए इंदौर के विभिन्न चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है और जिन लोगों ने भिखारियों को भीख दी है, उनकी पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।