कानून के रखवालों के बीच भी तेजी से पनप रही गुटबाज़ी, थाने की गुटबाजी का शिकार हुए पांच पुलिसकर्मी


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स्टोरी हाइलाइट्स

थाना अशोका गार्डन अंर्तगत मनी एक्सचेंज कारोबारी के घर से बरामद रुपये के संबंध में पहले ही आला अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है, कि पुलिसकर्मियों की पैसो के संबंध मे कोई भी संदिग्ध भूमिका नहीं है..!!

राजधानी में मध्य प्रदेश पुलिस ने 9 मई की रात को अशोका गार्डन क्षेत्र में एक घर में छापा मारा। छापेमारी में लगभग 32 लाख रुपए के कटे-फटे, पुराने और नए नोट बरामद किए गए। इस कार्रवाई में प्रमुख भूमिका थाने की टीआई बंदना लकड़ा ने निभाई। हालांकि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी थी

अब मामले को लेकर सियासी या अन्य महकमों की सीमा पार कर करते हुए गुटबाजी.....कानून के रखवालों के बीच भी तेजी से पनप रही है। थाने की गुटबाजी का शिकार विभाग के पांच पुलिसकर्मी ही हो गए। 

कहा जा रहा है, कि गुटबाजी के चलते ही 18 - 20 करोड की झुठी खबर फैलाई गई थी। थाना अशोका गार्डन अंर्तगत मनी एक्सचेंज कारोबारी के घर से बरामद रुपये के संबंध में पहले ही आला अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है, कि पुलिसकर्मियों की पैसो के संबंध मे कोई भी संदिग्ध भूमिका नहीं है।

केवल घटना स्थल पर हुई लापरवाही जैसे घटनास्थल पर कोई पुलिसकर्मी तैनात ना करना जैसी लापरवाही सामने आई है। पर अभी भी थाने की गुटबाजी रुकने का नाम नही ले रही है। रोज कोई ना कोई बहाने से अखबारों में खबरें छापी जा रही हैं। 

कहा जा रहा है, कि मामले को इतना तूल इसलिए दिया जा रहा है, कि यह किसी की आपसी खुन्नस या फिर किसी का नुकसान करने की सोच से या फिर किसी का स्थानांतरण कराने के लिए किया जा रहा है। 

बताया जा रहा है। कि आचांर सहिता के तुरंत बाद गुटबाजी समाप्त करने के लिए बडे़ स्तर पर प्रशासनिक सर्जरी का होना तय है। जिसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्बारा आदेश भी दे दिये गये है

आपको बता दें, मामले को तूल पकड़ते देख डीसीपी जोन-1 प्रियंका शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चल रहे भ्रम को दूर किया। उन्होंने बताया कि पंथ नगर में कैलाश खत्री के कब्जे से 31 लाख 58 हजार रुपये से अधिक जब्त किये गये हैं। जांच में लापरवाही सामने आई। मामले में अशोका गार्डन थाना प्रभारी वंदना लाकड़ा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। 

अगले दिन चार पुलिसकर्मियों एसआई शत्रुघ्न पटेल, एएसआई कार्यवाहक मेघा खत्री, हवलदार महेंद्र सिंह (एचसी महेंद्र सिंह) और सलमान खान को लाइन हाजिर कर दिया गया। डीसीपी ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि अपराध स्थल से एक और बैग गायब होने की प्रारंभिक जानकारी सामने आई थी।

इसके चलते पुलिस टीम ने सच्चाई जानने के लिए दर्जनों कैमरों की जांच की। मामला फिलहाल आयकर विभाग को सौंप दिया गया है। खुलासा हुआ है कि इस मामले में संदिग्ध कैलाश खत्री के पास आरबीआई का लाइसेंस है. हालाँकि, दस्तावेज़ नहीं मिले।