Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्कूली बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला गरमा गया है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन अब अलर्ट पर है। प्रशासन ने भोपाल के स्कूलों और मदरसों को अपने सभी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराने को कहा है। ये पुलिस वेरिफिकेशन अगले दो दिन में कराना होगा।
इस संबंध में, जिला शिक्षा विभाग ने भी एक आदेश जारी किया है जिसमें स्कूलों को चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने और अपने सभी शिक्षकों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, माली और ड्राइवरों का पुलिस सत्यापन कराने की आवश्यकता है। यह आदेश सरकारी स्कूलों, प्राइवेट स्कूलों और मदरसों पर भी लागू होगा।
गौरतलब है कि अब स्कूल प्रिंसिपलों और प्रमुखों को भी लगता है कि स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन बेहद जरूरी है। सभी का मानना है कि राज्य में मौजूदा हालात और हाल की घटनाओं को देखते हुए यह काम जरूरी हो गया है। लोगों ने इस बात पर जोर दिया है कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके कर्मचारियों के पास चरित्र प्रमाण पत्र हो और वे स्वयं पुलिस द्वारा प्रमाणित हों।
यह सब देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि ये सारी कार्रवाई दो दिन में पूरी कर ली जाए। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति का चरित्र प्रमाण पत्र थोड़ा भी संदिग्ध है या उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है, तो उसे स्कूल के किसी भी काम में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
आपको बता दें, कि सप्ताह भर में बच्चों के यौन उत्पीड़न के तीन मामले सामने आ चुके हैं। कटारा हिल्स के प्राइवेट स्कूल से 10वीं के नाबालिग छात्र का के यौन शोषण का मामला सामने आया है।
केमिस्ट्री शिक्षक ऋषभ सिंह दो साल से नाबालिग के साथ यौन शोषण कर कर रहा था। टीचर सोशल मीडिया पर मैसेज कर चात्र को स्कूल से बाहर बुलाकर उत्पीड़न करता था। तंग आकर छात्र ने क्लास टीचर को पूरी बात बताई।
आरोपी शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। शिक्षक परीक्षा में फेल करने की धमकी देकर डराता था। वहीं आरोपी ने छात्र का आपत्तिजनक वीडियो भी बना लिया था, जिसे वायरल करने की धमकी देता था। मामला भोपाल के कटारा हिल्स थाना इलाके से सामने आया है। इससे पहले राजधानी में 3 साल की बच्ची और एक पांच साल की बच्ची के साथ भी यौन उकत्पीड़न का मामला सामने आया था।