मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शहरी निकायों के जन प्रतिनिधियों के मानदेय में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की है। सीएम की इस घोषणा से मेयर, सभापति और पार्षदों को फायदा होगा। भोपाल में नगरीय निकायों के जन प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की गई।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने 'देवी अहिल्या बाई होल्कर शहरी महिला जन प्रतिनिधि परिषद' में हिस्सा लेते हुए कई अहम घोषणाएं कीं। इस दौरान सीएम ने कहा, ''रक्षाबंधन के पावन पर्व पर हमारी बहनों के सभी निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के मानदेय में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।''
उन्होंने आगे कहा, 'जो भी चुना गया है, वह हमारे उस आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए है जिसके आधार पर हमने 50 फीसदी आरक्षण दिया।' आज के बाद अगले महीने से नगर निगम, निगम और मेयर का मानदेय 22 हजार से बढ़कर 26 हजार 400 रुपये हो जाएगा। उपाध्यक्ष का मानदेय 18 हजार रुपये से बढ़कर 21 हजार 600 रुपये हो जाएगा। नगर निगम में पार्षद का मानद वेतन 12 हजार से बढ़कर 14 हजार 400 रुपये प्रति माह हो जाएगा।
सीएम ने कहा, ''नगर परिषद अध्यक्ष का मानदेय 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 7 हजार 200 रुपये किया जाएगा।' उपाध्यक्ष का मानद वेतन 4 हजार 800 रुपये से बढ़कर 5 हजार 760 रुपये प्रति माह हो जाएगा। इसी प्रकार, नगर पालिका में एक नगर परिषद पार्षद का मानद वेतन रु. 3,600 से रु. 4,320 हो जाएगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नगर पालिका के जन प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष का मानद वेतन 4 हजार 800 रुपये से बढ़ाकर 5 हजार 760 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसी तरह उपाध्यक्ष का मानद वेतन भी 4 हजार 200 रुपये से बढ़कर 5 हजार 40 रुपये प्रति माह हो जाएगा। नगर परिषद के पार्षदों का मानद वेतन 2 हजार 800 रुपये से बढ़ाकर 3 हजार 360 रुपये कर दिया गया है।
जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद सीएम मोहन यादव ने कहा, ''यह पैसे का सवाल नहीं है, बल्कि एक भावना का सवाल है कि शहरी निकायों के जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाकर हम आपकी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।''