MP Police New DGP: मध्य प्रदेश में जल्द ही नए डीजीपी की नियुक्ति होने वाली है। जिसके लिए गुरुवार 21 नवंबर को दिल्ली में अहम बैठक होने जा रही है। मध्य प्रदेश के वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना रिटायर हो रहे हैं, इसलिए उनकी जगह नए डीजीपी की नियुक्ति की जानी है। जिसके लिए मंथन शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में होने जा रही एक अहम बैठक में मध्य प्रदेश के नए DGP का नाम तय हो सकता है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराज जैन भी दिल्ली पहुंचे हैं।
कहा जा रहा है कि नए DGP की रेस में 9 अधिकारियों के नाम शमिल हैं। मोहन सरकार ने यही नाम केंद्र को भेजे हैं, जिनमें से तीन की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। कहा जा रहा है, कि जल्द ही मध्य प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति हो सकती है। मध्य प्रदेश पुलिस के नए DGP 1 दिसंबर से कार्यभार संभालेंगे। क्योंकि मौजूदा डीजीपी का कार्यकाल 30 नवंबर तक है।
दिल्ली में होने वाली बैठक में यूपीएससी चेयरमैन या उनकी ओर से नियुक्त कोई अधिकारी शामिल हो सकता है। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी, एमपी के प्रमुख सचिव और गृह विभाग के प्रमुख सचिव समेत मौजूदा डीजीपी भी शामिल होंगे। ये सभी मिलकर नए डीजीपी का नाम चुन सकते हैं।
इस रेस में तीन नाम सबसे आगे चल रहे हैं-
अजय शर्मा 1989 बैच के अधिकारी हैं, जो वर्तमान में ईओडब्ल्यू के डीजी के रूप में कार्यरत हैं। वे अगस्त 2026 में रिटायर हो जायेंगे। कैलाश मकवाना 1988 बैच के अधिकारी हैं। वह हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष हैं। दिसंबर 2025 में रिटायर होंगे। अरविंद कुमार होम गार्ड के डीजी हैं. वह 1988 बैच के अधिकारी हैं और मई 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे। इसके अलावा मोहन सरकार ने डीजी जेल जीपी सिंह, पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी उपेंद्र कुमार जैन, स्पेशल डीजी आरएपीटीसी इंदौर वरुण कपूर, स्पेशल डीजी महिला सेल प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, स्पेशल डीजी प्रोविजन आलोक रंजन और स्पेशल डीजी योगेश मुद्गल के नाम भी भेजे हैं। ये सभी अधिकारी भी 1988 से 1991 बैच के अधिकारी हैं। लगभग सभी अधिकारी अपना 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।
कार्यकाल 2 वर्ष का होगा
मध्य प्रदेश में नए डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब जो भी पुलिस अधिकारी किसी भी राज्य में डीजीपी बनेगा, उसका कार्यकाल दो साल से कम नहीं होगा।
ऐसे में अगर किसी अधिकारी का चयन हो जाता है, तो भले ही उसे छह महीने से अधिक समय तक डीजीपी पद पर रहने के बाद रिटायर होना हो, लेकिन उसका कार्यकाल दो साल का ही होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक ही नए डीजीपी के नाम का चयन किया जाएगा।