भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह लगातार पांचवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट को यथावत रखा है।आरबीई ने यह फैसला दिसंबर की समीक्षा बैठक में सर्वसम्मति से लिया है।
शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को बरकरार रखने के पीछे मुद्रास्फीति में गिरावट को कारण बताया। इसके साथ ही ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया जाएगा और ईएमआई में भी बढ़ोत्तरी नहीं होगी।
मौद्रिक नीति समिति की बुधवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और हमारी बुनियाद सृदृढ़ है। जीएसटी संग्रह, पीएमआई (परजेचिंग मैनेजर इंडेक्स) जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े मजबूत बने हुए हैं। इन सबको देखते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है।