संस्कृति वन को लेकर मुखिया ने ली सीएफ छतरपुर की क्लास


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स्टोरी हाइलाइट्स

भवन बजट खर्च नहीं करने पर महिला डीएफओ के प्रति जताई नाराजगी

भोपाल. जंगल महकमे के मुखिया आरके गुप्ता ने संस्कृति वन की प्रगति को लेकर जहां सतना डीएफओ विपिन पटेल और उज्जैन डीएफओ किरण बिसेन की तारीफ की, वहीं छतरपुर वनमंडल में संस्कृति वन का कार्य शुरू नहीं होने पर वन संरक्षक संजीव झा की क्लास भी ली.

यह बात अलग है कि झा को यह फटकार पूर्व डीएफओ बेनी प्रसाद दातुनिया के नकारेपन के कारण सुननी पड़ी. वन बल प्रमुख गुप्ता ने एक बार फिर सभी डीएफओ को काफी टेबल बुक बनाने के निर्देश दिए.

वन बल प्रमुख गुप्ता ने शाखाओं के प्रमुखों के साथ शुक्रवार को फील्ड के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से सीधा संवाद किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बजट खर्च नहीं करने के कारण दक्षिण बालाघाट डीएफओ मीना मिश्रा सहित आधा दर्जन अधिकारियों के प्रति वन बल प्रमुख ने नाराजगी जताई.

गुप्ता ने एक बार फिर नगर वन और संस्कृति वन की प्रगति को लेकर फील्ड के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इस कार्य में कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दिलचस्प पहलू यह है कि छतरपुर वन मंडल में अगस्त 2022 में सीधी भर्ती के डीएफओ बेनी प्रसाद दातुनिया को डीएफओ के पद पर पदस्थ किया गया था.

10 महीने छतरपुर वन मंडल पदस्थ रहने के बाद भी डीएफओ बेनी प्रसाद ने संस्कृति वन को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. इस संदर्भ में सीएफ छतरपुर ने कई पत्र विभाग के मुखिया को लिखें किंतु उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके परिणाम स्वरूप ही आज की स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट संस्कृति वन के कार्य की शुरुआत नहीं हो पाई है.

व्यक्तिगत विवादों में फंसने के कारण दातुनिया को छतरपुर से भोपाल स्थानांतरित कर दिया. उनके स्थान पर पिछले दिनों सर्वेश सोनवाने की पोस्टिंग की गई. वह भी सिविल सर्विस की तैयारी के नाम पर छुट्टी पर चले गए हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वन बल प्रमुख गुप्ता के निर्देशों को फील्ड के अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते हैं, इसका अंदाजा बजट खर्च और कॉफी टेबल बुक बनाने संबंधित निर्देशों से लगाया जा सकता है.