भोपाल: मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक शुभरंजन सेन ने राष्ट्रीय उद्यानों की अंतिम अधिसूचनाएं जारी नहीं होने के संबंध में सफाई दी है कि राष्ट्रीय उद्यानों की प्रारंभिक अधिसूचनायें वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 35 (1) में जारी की जाती है। राष्ट्रीय उद्यानों के अधिसूचित क्षेत्र के संबंध में संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 19 से 25 तक (अधिकारों के अर्जन) की कार्यवाही किये जाने के उपरांत ही अंतिम अधिसूचना जारी की जाती है। जिन राष्ट्रीय उद्यानों की अंतिम अधिसूचनायें जारी नहीं हुई है, संबंधित जिला कलेक्टर के द्वारा कार्यवाही प्रचलित है।
सेन ने एक पत्र के जरिये बताया है कि वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान घुघवा, जिला डिण्डौरी एवं डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान, जिला धार इस प्रकार कुल 5 राष्ट्रीय उद्यानों की अंतिम अधिसूचनायें जारी हो चुकी है।
सेन के मुताबिक बांधवगढ एवं माधव राष्ट्रीय उद्यान के आंशिक क्षेत्र की अतिम अधिसूचना क्रमशः वर्ष 1968 एवं 1958 में जारी की जा चुकी है। संजय, सतपुड़ा एवं कूनो राष्ट्रीय उद्यानों की प्रारंभिक अधिसूचनायें जारी की जा चुकी है पर अंतिम अधिसूचनायें जारी नहीं हुई है।
राष्ट्रीय उद्यानों की प्रारंभिक अधिसूचनायें वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 35 (1) में जारी की जाती है। राष्ट्रीय उद्यानों के अधिसूचित क्षेत्र के संबंध में संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 19 से 25 तक (अधिकारों के अर्जन) की कार्यवाही किये जाने के उपरांत ही अंतिम अधिसूचना जारी की जाती है।
जिन राष्ट्रीय उद्यानों की अंतिम अधिसूचनायें जारी नहीं हुई है, संबंधित जिला कलेक्टर के द्वारा कार्यवाही प्रचलित है। अतः यह कहना उचित नहीं है कि केवल पेंच टाइगर रिजर्व को छोड़कर अन्य राष्ट्रीय उद्यानों की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है।
सेन की सफाई पर उठे सवाल..
राष्ट्रीय उद्यानों की अंतिम अधिसूचना पर मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक शुभरंजन सेन की सफाई पर वन्य जीव विशेषज्ञ अजय दुबे ने सवाल खड़े किए हैं। दुबे ने कहा है कि आपके कार्यालय से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त दस्तावेज है।उक्त दस्तावेज स्पष्ट सूचित करता है कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 35(4) के तहत केवल पेंच नेशनल पार्क का नोटिफिकेशन हुआ है और अन्य किसी पार्क के नोटिफिकेशन का जिक्र नहीं है।
दुबे ने कहा है कि आरटीआई जवाब के विपरीत आपके पत्र में पेंच के अलावा कान्हा,वन विहार भोपाल,फॉसिल नेशनल पार्क धूधवा डिंडोरी और डायनासौर नेशनल पार्क धार के अंतिम नोटिफिकेशन का जिक्र है अतः पेंच के अतिरिक्त शेष 4 नोटिफिकेशन की कॉपी उपलब्ध कराने का कष्ट करे जिससे जनसामान्य को वास्तविकता पता चले। यदि यह नोटिफिकेशन वन विभाग की वेबसाइट पर हैं तो उनकी लिंक भेजने का कष्ट करें।
* वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 में आंशिक क्षेत्र की अंतिम अधिसूचना का प्रावधान नहीं है। ऐसे में माधव नेशनल पार्क और बांधवगढ़ नेशनल पार्क की दोनों अधिसूचना की कॉपी भी उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
* आपके पत्र अनुसार वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत जिला कलेक्टर द्वारा शेष नेशनल पार्क की अंतिम अधिसूचना जारी करने की कार्यवाही प्रचलित है, जो कानूनी दृष्टि से अस्वीकार है क्योंकि कलेक्टर की भूमिका सेटलमेंट अधिकारी के तौर पर कोर्ट में सुनवाई कर निर्णय की रहती है और वन विभाग मुख्य पक्षकार रहता है।
* आपके पत्र में संजय ,कूनो और सतपुड़ा नेशनल पार्क के अंतिम नोटिफिकेशन जारी नहीं होना लिखा लेकिन समूचा पत्र पन्ना टाइगर रिजर्व पर मौन है अतः उस विषय पर स्थिति जनहित में स्पष्ट करें।