10 जनवरी को भोपाल में अयोध्या बाईपास के पास मिनाल रेजीडेंसी में सात महीने के बच्चे को कुत्ते खींचकर ले गए और खा लिया जिससे उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद से भोपाल में आवारा कुत्तों को लेकर लोगों में लगातार गुस्सा बना हुआ है।
पूर्व सीएम उमा भारती ने बिलखिरिया स्थित अपने घर पर कुत्तों के हमले में मृत बच्चे के परिवार से मुलाकात की। उमा ने इस घटना को मिनाल रेजीडेंसी प्रबंधन की लापरवाही और आपराधिक लापरवाही बताया और सीएम डॉ मोहन यादव से चर्चा करने को कहा।
मृत बच्चे के माता-पिता से बातचीत के दौरान उमा ने कहा- अक्सर जब कोई बच्चा बीमारी के कारण मर जाता है तो उसे जमीन में दफना दिया जाता है और अगर कोई कुत्ता किसी बच्चे के शव को जमीन से खा जाए तो यह दुखद है। लेकिन अगर किसी जिंदा बच्चे को कुत्ता खा जाए तो उस बच्चे को कितना दर्द होगा। आपको अपने बच्चे के बदले में कुछ भी मिलेगा, भले ही वे आपको हीरे-मोती दें, लेकिन इससे आपकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। उमा ने कलेक्टर से फोन पर बात भी की।
उमा भारती ने परिवार से कहा- मैं आपके बच्चे के परिवार पास आना चाहती थी। लेकिन, मुझे तेज बुखार था, इस कारण नहीं आ सकी। उसके बाद मुझे अयोध्या जाना था और भोपाल आते ही मैं आपके पास आ गई। बच्चे की माँ को रोता देख उमा बोली- मुझे भी उतना ही कष्ट हो रहा है जितना तुम्हें हो रहा है।
जिस दिन से मैंने सुना है कि सात महीने के बच्चे को कुत्तों ने खा लिया। मुझे बहुत बुरा लगा कि क्या मुझे पूरी सृष्टि को खत्म कर देना चाहिए या खुद को खत्म कर देना चाहिए? एक तरफ जब कोरोना काल आया तो कई लोग अपने कुत्तों को हवाई जहाज में ले गए। वहीं दूसरी ओर एक बच्चे को कुत्तों ने खा लिया।
परिवार से मिलने के बाद उमा मिनाल रेजीडेंसी स्थित घटनास्थल पर भी गईं। आपको बता दें, परिवार यहां सफाई का काम करता है। उसने अपने बच्चे को यहीं सुला दिया और काम करने लगा। उसके साथ दो लड़कियां भी थीं। तभी कुत्ते आये और बच्चे को उठा ले गये। उसका एक हाथ खा लिया गया।
उमा ने कहा- जहां भी मजदूर हैं, उनके बच्चों की सुरक्षा और पालन-पोषण की व्यवस्था की जाएगी। इस बिल्डिंग को बनाने वालों ने करोड़ों रुपए कमाए हैं। लेकिन, इन मजदूरों के लिए कुछ हजार रुपये का कोई प्रावधान नहीं किया गया। यहां का प्रबंधन ही इस घटना का असली हत्यारा है। यह आपराधिक लापरवाही है, यह आपराधिक लापरवाही है जिसके कारण मजदूर के बच्चे को कुत्तों ने खा लिया।
उमा ने कहा कि जब मेरे सुरक्षाकर्मी उस जगह को देखने आए तो भी वो तीन कुत्ते यहां मौजूद थे। अब समाधान तो ढूंढना ही होगा. कुत्तों की सुरक्षा करना जरूरी है। लेकिन, बच्चों और इंसानों को भी बचाने की जरूरत है। जब वे वेतन के लिए श्रमिकों को नियोजित करेंगे तो प्रबंधन को उत्तरदायी ठहराया जाएगा। क्या वे श्रमिकों के बच्चों की सुरक्षा के लिए शिशुगृह बनाते हैं या नहीं। अब हम इस मामले को आगे बढ़ाएंगे।