भोपाल में चिपको आंदोलन की आहट, माननीयों के आवास बनाने काटे जाने हैं 29 हजार पेड़, विरोध शुरु


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भोपाल में पेड़ काटे जाने के विरोध में बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। जिसमें महिलाएं पेड़ों से लिपट कर उनको काटे जाने का विरोध कर रही हैं।

राजधानी के शिवाजी नगर और तुलसी नगर इलाकों में सरकारी आवास बनाने के लिए 297 एकड़ जमीन में कुल 29 हजार पेड़ों को काटने की योजना है। पेड़ों की उम्र 50 से 70 साल तक की बताई जा रही है।

प्रशासन के इस फैसले की जानकारी जब स्थानीय लोगों को हुई तो उन्होंने इस पर नाराजगी जताई। राजधानी के माननीयों के लिए बंगले बनाने के लिए इलाके के हजारों पेड़ों को काटने की योजना के खिलाफ कांग्रेस के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने अनोखा प्रदर्शन शुरू किया है। इस प्रदर्शन को 'चिपको आंदोलन' नाम दिया गया है। 

स्थानीय पार्षद गुड्डू चौहान के नेतृत्व में कई कांग्रेस नेताओं के साथ महिलाओं और स्थानीय निवासियों ने पेड़ों से चिपक कर अनोखा प्रदर्शन किया। बता दें कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में तुलसी नगर और शिवाजी नगर इलाके में कई महिलाएं अचानक पेड़ों से चिपक जाती हैं और पेड़ों को काटे जाने के ख़िलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। वजह गंभीर है, ये विरोध चिपको आंदोलन की याद दिला रहा है। 

विभाग के इस फैसले से लोगों में नाराजगी है। खासकर महिलाओं ने इस मुद्दे पर अनोखा विरोध शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि यहां महिलाओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुरुष, बच्चे और बूढ़े भी शामिल हैं।

पार्षद गुड्डू चौहान ने कहा कि इस पूरे इलाके में 60 हजार से ज्यादा पेड़ हैं। भोपाल का 12 प्रतिशत क्षेत्र हरा-भरा है, जिसमें से केवल इसी क्षेत्र का 4 प्रतिशत हिस्सा हरा-भरा है। यदि इन पेड़ों को भी काटा गया तो पर्यावरण को भारी नुकसान होगा।

कहा जा रहा है, कि एक तरफ तो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सांसद शिवराज सिंह चौहान प्रकृति बचाने के संदेश के साथ प्रतिदिन पौधारोपण कर रहे हैं और आम लोगों को पेड़ लगाने का संदेश दे रहे हैं और वहीं दूसरी ओर सरकारी बंगले बनाए जाने के लिए पेड़ों को काटा जाना कहां तक सही है।