आए दिन हम साइबर क्राइम या ऑनलाइन ठगी के कई मामले देखते-सुनते रहते हैं। हालिया केस मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सामने आया। भोपाल में डिजिटल अरेस्ट मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला काम किया है। साइबर पुलिस टीम ने ऑनलाइन ठगों से निपटकर दुबई के एक व्यवसायी को ठगी बचाया। ये मामला अब सुर्खियों में बना हुआ है। अब इसे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी पुलिस अधिकारियों की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस साइबर अपराधों को रोकने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसके साथ ही सीएम ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य भर के पुलिस स्टेशनों में साइबर डेस्क होंगे।
सीएम मोहन यादव मंगलवार को भोपाल राज्य साइबर सेल पहुंचे। जहां उन्होंने अधिकारियों से साइबर क्राइम पर चर्चा की। सीएम ने कहा कि राज्य के हर थाने में एक साइबर डेस्क होगी। मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर साइबर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने डिजिटल अरेस्टपर साइबर पुलिस की कार्रवाई की जमकर सराहना की। सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में साइबर क्राइम रोकने के लिए पुलिस बहुत तेजी से काम कर रही है।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि हाल ही में दुबई के एक व्यवसायी को साइबर धोखाधड़ी के आरोप में 6 घंटे के लिए डिजिटल अरेस्ट किया गया था। अगर हमारी पुलिस टीम मौके पर जाकर पूछताछ करे तो असली पुलिस का साहस देखिए। बाद में वह वीडियो कॉलिंग छोड़कर भाग गया।
पीएम मोदी ने मन की बात में डिजिटल अरेस्ट पर भी चर्चा की थी। पीएम ने कहा था कि "डिजिटल अरैस्ट से डरें नहीं रुके सोचें- एक्शन लें " तथा इससे बचने के उपाय बताए थे। सीएम मोहन ने राज्य की जनता से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट को लेकर सावधान रहें, डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान नहीं है, तुरंत पुलिस को सूचना दें, पुलिस आपकी मदद करेगी। एमपी में यह पहली बार है कि डिजिटल अरेस्ट जैसे मामले में लाइव रेस्क्यू किया गया।
सीएम मोहन यादव ने डिजिटल गिरफ्तारी के शिकार दुबई के व्यवसायी ओबेरॉय से फोन पर बात भी की। गौरतलब है कि अरेरा कॉलोनी में रहने वाले विवेक ओबेरॉय के पास शनिवार रात करीब 1 बजे खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का अधिकारी बताने वाले एक शख्स का फोन आया।
जालसाजों ने ओबेरॉय की बात उन लोगों से कराई जिन्होंने खुद को सीबीआई और मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। जिसके बाद उन्हें डिजिटली अरेस्ट कर लिया गया, लेकिन पुलिस ने अपनी सूझबूझ से उन्हें ठगों के चंगुल से छुड़ा लिया।
देश दुनिया का संभवतः यह पहला ऐसा प्रकरण है जिसे मध्य प्रदेश, सायबर पुलिस द्वारा LIVE RAID में त्वरित कार्यवाही करते हुये पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराकर करोड़ो रूपये के सायबर फॉड से बचाया गया।
9 नवम्बर 2024 को अरेरा कॉलोनी भोपाल निवासी एक व्यक्ति के डिजिटल अरेस्ट होने की सूचना उनके परिचित राजीव ओबेराय निवासी अरेरा कॉलोनी भोपाल के द्वारा प्राप्त हुई।
पुलिस टीम बिना एक पल गवाएं अरेरा कॉलोनी भोपाल स्थित पीड़ित विवेक ओबेरॉय (दुबई में कॉर्पोरेट सैक्टर उद्यमी) के घर पहुंची एवं टीम ने पाया कि पीड़ित को अज्ञात सायबर जालसाजों द्वारा फर्जी ED, CBI Officer बनकर दुबई एवं सीरिया के Virtual Number से कॉल कर DIGITAL ARREST कर लिया गया हैं। दोपहर लगभग 01:00 बजे से उनके ही घर के कमरे में डिजिटल अरेस्ट करके 06 घंटे रखा गया।
सायबर जालसाजो द्वारा पीड़ित ओर उनके परिवार की निजी जानकरिया, बैंकिंग डिटेल्स ले ली गई एवं न बताने पर उन्हें धमकाया कि आपको गिरफ्तार किया जाएगा एवं परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाया जाएगा तथा परिवार के किसी भी सदस्य से इस डिजिटल अरेस्ट के संबंध में न बताने को कहा।
सायबर पुलिस द्वारा रेड करने पर जालसाजों द्वारा तत्काल वीडियो कॉल आदि फोन काट दिया गया| बाद पीड़ित को टीम द्वारा समुचित तरीके से समझाया गया एवं उन्हें फोन और लैपटाप की डिजिटल अरेस्ट की Virtual दुनिया से बाहर निकाला गया। तब जाकर उन्होने राहत की सांस ली।
रियल टाइम पर उनके साथ होने होने वाली करोड़ो की ठगी को होने से रोका गया जो उन्होने स्वयं कहा कि यदि पुलिस टीम आज त्वरित उनके पास नहीं पहुँचती तो वे जालसाजों को करोड़ों रुपये ट्रान्सफर कर देते एवं पता नहीं कितने समय तक अपने ही घर में डिजिटल अरेस्ट की प्रताड़ना सहते पीड़ित एवं उनके परिवार सदस्यों द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस एवं राज्य सायबर पुलिस को हृदय से धन्यवाद दिया गया |