मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल के रवीन्द्र भवन में मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा-2019 और 2020 में चयनित 559 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संकल्प पर ब्रेक लगा दिया। मध्य प्रदेश गान के दौरान अधिकारी खड़े हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें बैठने का इशारा किया।
सीएम डॉ. यादव ने कहा, 'मध्यप्रदेश गान या अन्य गाने राष्ट्रगान की बराबर नहीं कर सकते, इसलिए खड़ा होना जरूरी नहीं।' दरअसल, 1 नवंबर 2022 को मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस के मौके पर शिवराज सिंह ने घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश गान को राष्ट्रगान की तरह ही सम्मानित किया जाएगा। इसी के साथ ये संकल्प लिया गया कि हम सब खड़े होकर मध्य प्रदेश का गान गाएंगे।
नवनियुक्त महिला अधिकारी ने सीएम से पूछा, पब्लिक डीलिंग कैसे करें? इस पर मोहन यादव ने कहा कि हमारे काम से हमें गर्व होना चाहिए। हमें जाने-अनजाने में कोई गलती नहीं करनी चाहिए। हम भगवान नहीं हैं इसलिए हम गलतियाँ करते हैं। लेकिन, इरादा ग़लत नहीं होना चाहिए। कभी-कभी विभाग अहंकारी भी हो जाता है। हम जहां से आए हैं, वहां से अपनी जड़ें मत काटो। अफसर बनो तो अहंकार मत करना।
सिंगरौली का उदाहरण देते हुए सीएम यादव ने कहा, मैं अभी एक कठोर फैसला लेकर आया हूं। हमने कल एक तस्वीर देखी जिसमें एक एसडीएम एक महिला से अपने जूते के फीते बंधवा रहे थे। मुझे मालूम है कि महिला का भाव अपने साहब के प्रति कोई खराब नहीं हो सकता।
यह भी पता चला कि एसडीएम साहब के पैर में चोट लगी है। ये उनका निजी मामला हो सकता है। लेकिन जनता में उनकी छवि क्या होगी? कौन उससे पूछने जाएगा कि वह बीमार है या नहीं? जिसका असर पूरे समाज पर पड़ेगा। बीमार होते तो भी छुट्टी पर चले जाते, किसने रोका?
आपने पब्लिकली लेस बंधवाई, फिर हम तो अपने दिन के कार्यक्रम की शुरुआत ऐसे ही करते हैं। हम आपको सस्पेंड नहीं कर रहे। लेकिन वहां से तो हटा देंगे। अगली बार आपको ध्यान में आ जाएगा कि आप क्या कर रहे हो।