सामुदायिक वन संसाधन अधिकार का छग जाकर अध्ययन होगा


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स्टोरी हाइलाइट्स

उक्त निर्णय भोपाल स्थित राजभवन के जनजातीय प्रकोष्ठ ने लिया है..!

भोपाल। राज्य का वन विभाग सामुदायिक वन संसाधन अधिकार जिसे कम्युनिटी फारेस्ट रिसोर्स राईट्स-सीएफआरआर भी कहा जाता है, का छत्तीसगढ़ राज्य जाकर अध्ययन करायेगा क्योंकि वहां इस पर बेहतर कार्य हुआ है।

उक्त निर्णय भोपाल स्थित राजभवन के जनजातीय प्रकोष्ठ ने लिया है। दरअसल इस प्रकोष्ठ की बैठक में बताया गया था कि छत्तीसगढ़ राज्य में सीएफआरआर के संबंध में संख्यात्मक एवं सफलता संबंधी अभूतपूर्व प्रगति हुई है, इसीलिये छग जाकर यह अध्ययन करने के लिये कहा गया है। 

उल्लेखनीय है कि  मप्र में दस हजार ग्राम सीएफआरआर हेतु पात्र पाये गये हैं जिनमें से 6 हजार 921 ग्रामों को लघु वनोपजों पर अधिकार दिया गया है। 

छग जाकर अध्ययन के बाद वहां अपनाई गई कार्य प्रणाली को मप्र में भी अपनाया जायेगा जिससे अधिकाधिक ग्रामों को सीएफआरआर के तहत लघु वनोपजों पर अधिकार मिल सके और उनके जीवन स्तर में वृध्दि हो सके।