मध्य प्रदेश में सभी 29 सीटों के लिए वोटिंग हो चुकी है। वोटिंग परसेंट पर नज़र डाले तो प्रदेश में 6 महीने पहले 2023 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान महिलाओं के वोटिंग परसेंट में 12% की कमी आई है। वोटिंग परसेंट में आई कमी का हार जीत पर तो कोई खास अंतर नहीं दिखेगा, लेकिन उम्मीदवारों की हार-जीत में वोटों के अंतर पर ज़रूर इसका असर देखा जा सकता है।
इसका कारण विधानसभा चुनाव में लाडली बहना योजना को माना जा रहा है। जो विधानसभा चुनाव के दौरान महिला वोटर्स को लुभाने में काफी हद तक कामयाब हुई थी। इस बार के लोकसभा चुनाव में कोई ऐसी योजना नहीं थी, जो महिलाओं को लुभा पाए। वहीं कांग्रेस की एक लाख रुपए देने का वायदा करने वाली योजना कुछ खास असर नहीं दिखा पाई। कहा जा रहा है, कि इसका ठीक से प्रचार-प्रसार न किया जाना भी इसके पीछे का कारण माना जा रहा है।
पिछली बार विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम शिवराज और उनकी लाडली बहना योजना का फायदा मिलने से महिलाओं ने घरों से निकलकर जमकर वोटिंग की और बीजेपी को बंपर जीत ली। पूर्व सीएम शिवराज ने लाडली बहनों से सीधा संवाद किया और किसी के मामा, भैया और बेटे बनकर वोट मांगे। इसी के चलते महिलाओं ने बढ़-चढ़कर वोटिंग में हिस्सा भी लिया। इस बार शिवराज के सामने न होने से भी महिला वोटरों में उदासीनता रही।