कांग्रेस सरकार करायेगी परीक्षा घोटालों की जांच, सुरजेवाला का बड़ा बयान


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स्टोरी हाइलाइट्स

वास्तविक परीक्षार्थियों के स्थान पर दूसरों ने एक्ज़ाम दिया। कुछ आरोपियों के पास से लैपटॉप, बायोमेट्रिक मशीनें और अन्य सामग्री जब्त की गई..!

मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का प्रचार जोर पकड़ रहा है, आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज होता जा रहा है। कांग्रेस ने शुक्रवार को पटवारी भर्ती को लेकर शिवराज सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि क्राइम ब्रांच ने इस संबंध में 4 अप्रैल को ग्वालियर में मामला दर्ज किया था, लेकिन परीक्षा 25 अप्रैल तक जारी रही।

युवाओं के गुस्से को देखते हुए शिवराज सरकार ने जांच आयोग बनाया, लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया कि पटवारी भर्ती घोटाला भाजपा सरकार की जानकारी में था और इसे रोकने के बजाय इसे जारी रहने दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही भर्ती घोटालों की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरजेवाला ने ग्वालियर क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज एफआईआर का हवाला देते हुए कहा कि 4 अप्रैल 2023 को ही यह बात सामने आ गई थी कि पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली हो रही है। वास्तविक परीक्षार्थियों के स्थान पर दूसरों ने एक्ज़ाम दिया। कुछ आरोपियों के पास से लैपटॉप, बायोमेट्रिक मशीनें और अन्य सामग्री जब्त की गई। इससे सवाल उठता है कि जब घोटाले के सबूत 4 अप्रैल 2023 को ही मिल गए थे तो परीक्षा जारी रखने की इजाजत क्यों दी गई?

उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा घोटाला सरकार के संरक्षण में हुआ, इसलिए राज्य स्तर पर कोई व्यापक जांच नहीं हुई। परीक्षा में 9,78,266 अभ्यर्थी शामिल हुए। परिणाम 30 जून 2023 को जारी किया गया, जिसमें से 8,600 उम्मीदवारों का चयन किया गया। मेरिट लिस्ट में शामिल दस में से सात अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र एक ही कॉलेज में था। कई अभ्यर्थी ऐसे थे जो फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में फिट थे, जबकि उन्होंने पटवारी भर्ती परीक्षा में खुद को विकलांग बताया और विकलांग कोटे में चयनित हो गए।