इंदौर में कांग्रेस ने 'लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ' जनजागरण अभियान के तहत नोटा के समर्थन में मौन जुलूस निकाला. आपको बता दें कि यहां कांग्रेस उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. पिछले महीने, अक्षय कांति बम ने मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया था। इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गये। इंदौर सीट से फिलहाल कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार नहीं है।
13 मई को होने वाले चौथे चरण के चुनाव के लिए कांग्रेस ने नया अभियान शुरू किया है। कांग्रेस ने "लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ" जनजागरण अभियान शुरू किया है। इसके तहत शुक्रवार (10 मई) को कांग्रेस ने शाम 7 बजे जंजीरवाला चौक से अंबेडकर प्रतिमा तक पदयात्रा निकाली।
अभियान में लोगों से चुनाव में नोटा को वोट देने की अपील की गई। मार्च का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को करना था, लेकिन वे शामिल नहीं हो सके। इंदौर में नोटा को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तनातनी चल रही है। इसी क्रम में शुक्रवार की शाम जनजागरण अभियान 'लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ' के तहत मौन जुलूस निकाला गया। जैसे ही रैली चेन लिंक चौराहे से निकली तो तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पूरे रास्ते को घेर लिया।
आपको बता दें कि इस अभियान के तहत कांग्रेस ने इंदौर में फैसला किया है कि वह लोगों को नोटा बटन दबाने के लिए जागरूक करेगी। कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम के भाजपा में शामिल होने और नामांकन पत्र वापस लेने के बाद इंदौर में कांग्रेस मैदान से बाहर हो गई है। ऐसे में कांग्रेस ने नोटा का विकल्प चुना है। कांग्रेस ने लोगों से नोटा का बटन दबाकर बीजेपी को सबक सिखाने को कहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि इंदौर में उनके उम्मीदवार का अपहरण कर लिया गया है और भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इंदौर में राजनीतिक माफिया पनप रहे हैं, जो इंदौर के आचरण को शोभा नहीं देता। इस बार जो हुआ वो इंदौर के इतिहास में कभी नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी चाहती है कि चुनाव में कम से कम नोटा दब जाए, उसे फायदा होगा। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया है कि इंदौर में बीजेपी आठ लाख वोटों से जीतेगी और शंकर लालवानी इस बार इतिहास रचेंगे।
वहीं इंदौर की पूर्व सांसद और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को ये सब करने की कोई जरूरत नहीं है। वैसे भी इंदौर से भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार लाखों वोटों से जीत रहा था।