प्रदेश की मोहन सरकार को एक साल पूरा हो गया है। इससे पहले प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी। सरकार बदली तो सरकार के मंत्री भी बदले, साथ ही कई मंत्रियों को नए आवास का भी आवंटन किया गया। जब आवास किसी नए मंत्री को आवंटित किया गया तो, उसकी साज-सज्जा भी नए सिरे से हुई। लेकिन इस पर जो खर्चा आया, उसे लेकर सियासी गलियारों में कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं।
कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने सरकार से पिछले ढाई साल में मंत्रियों के 24 बंगलों की साज-सज्जा और मरम्मत पर खर्च हुई रकम की जानकारी मांगी थी, जिस पर मंत्री राकेश सिंह ने इस पर हुए व्यय का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि मंत्रियों के बंगलों के रीनोवेशन पर 12.75 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। वहीं सीएम हाउस का नवीनीकरण 1.10 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। जिनमें पिछले सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में 41 लाख रुपये खर्च हुए थे, जबकि मौजूदा सीएम के कार्यकाल में 74 लाख रुपये खर्च हुए, जिसमें से 35 लाख रुपये सिर्फ सजावट पर खर्च हुए।
राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रियों के बंगलों को भी सजाया गया, जिस पर सरकार ने 12.75 करोड़ रुपये खर्च किये। ये बंगले भोपाल में अलग-अलग जगहों पर बने हुए हैं। सबसे ज्यादा खर्च पंचायत एवं ग्राम विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के बंगले के रेनोवेशन पर हुआ है। प्रोफेसर कॉलोनी में बना बी-7 बंगला मंत्री का आधिकारिक आवास है, जिसके रीनोवेशन का खर्चा 95 लाख रुपये है। इसके अलावा राज्य के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बंगले पर 71 लाख रुपये का खर्चा हुआ। वहीं पूर्व मंत्री राहुल लोधी का बंगले का रीनोवेशन मात्र 14 हजार रुपए में यानि कि सस्ते में ही निपट गया।
डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के बंगले पर 59 लाख रुपये, चार इमली स्थित डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के बंगले बी-9 बंगले पर 68 लाख रुपये खर्च किये गये। हालांकि, मंत्री राकेश सिंह ने विधानसभा में यह भी कहा है कि सरकार के मंत्रियों को उनके गृह जिले में कोई बंगला आवंटित नहीं किया गया।