MP के हर जिले में बनेगा साइबर थाना, सभी पुलिस स्टेशनों में बनेगी साइबर डेस्क- CM


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स्टोरी हाइलाइट्स

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग से बचने के लिए पुलिस को सतर्क रहने की सलाह दी है..!!

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस (AI) के दुरुपयोग से बचने के लिए पुलिस को सतर्क रहने की सलाह दी है। गृह विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस को 'भविष्य के लिए तैयार' रहना चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी की उन्नत तकनीकों के प्रयोग पर जोर देते हुए कहा कि हर थाने में साइबर डेस्क बनायें तथा हर जिले में साइबर थाने बनायें। इसके साथ ही राज्य स्तर पर कॉल सेंटर भी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने साइबर धोखाधड़ी से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पर भी जोर दिया।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को गृह विभाग की बैठक में कई अहम निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और पुलिस समाज को सुरक्षित रखने के लिए आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस (AI) के दुरुपयोग और साइबर अपराध के खतरों से निपटने के लिए तैयार हैं।

1. हर थाने में एक साइबर क्राइम डेस्क बनाई जाएगी।

2. हर जिले में साइबर थाने बनाए जाएंगे और राज्य स्तर पर कॉल सेंटर भी खोले जाएंगे।

3. सरकार ड्रग नेटवर्क को खत्म करने और संदिग्ध हुक्का बार और नाइट क्लबों पर निगरानी बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

4. मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों से समन्वय।

5. मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश की जनता को आश्वासन दिया कि सरकार अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ अभियान चलाएगी।

6. गौ तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जंगली जानवरों द्वारा फसल क्षति को रोकने के लिए पुलिसकर्मी वन विभाग के संपर्क में रहेंगे।

7. सोशल मीडिया पर सतर्क रहे पुलिस।

8. बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस को सोशल मीडिया पर होने वाली गतिविधियों और संदेशों पर नजर रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि भ्रामक और झूठी खबरें फैलाने वालों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए और भ्रामक खबरों (AI साइबर क्राइम) से संबंधित कानून एवं व्यवस्था विभाग को तथ्यों की जांच करने के लिए कहा जाना चाहिए ताकि सच्चाई का पता चल सके।

9. मुख्यमंत्री ने पुलिस कर्मियों को नई आपराधिक संहिता पर प्रशिक्षण देने की भी बात कही। इसके अलावा संभाग स्तर (एमपी पुलिस स्टेशन) पर प्रत्येक मामले की जांच और चालान पेश करने के लिए पुलिस कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार पेन ड्राइव, टैबलेट आदि की व्यवस्था के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा। 

उन्होंने यह भी कहा कि हर विभाग में एफएसएल की स्थापना होनी चाहिए।

मार्च 2026 तक नक्सली गतिविधियां समाप्त करें। 

आपको बता दें कि बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नक्सल विरोधी अभियान को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें मार्च 2026 तक नक्सली गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करने का निर्णय लिया गया।

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य के संभावित नक्सली इलाकों में सघन अभियान चलाने की योजना है। इसके साथ ही आवश्यकतानुसार हॉकफोर्स की भी भर्ती की जाएगी, ताकि नक्सल विरोधी अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।