भोपाल: राज्य के संसदीय कार्य विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों को विधानसभा में लंबित आश्वासनों का जवाब नहीं देने का मौका प्रदान किया है। इस संबंध में सभी विभाग प्रमुखों को जारी पत्र में संसदीय कार्य विभाग ने कहा है कि वर्तमान में 1085 आश्वासन लंबित हैं। इसके अलावा ऐसे लगभग 1850 आश्वासन लंबित हैं जिनमें विधानसभा सचिवालय द्वारा संबंधित विभागों से अतिरिक्त या अद्यतन जानकारी मांगी गई है।
ऐसे आश्वासन जिनकी किसी कारण से पूर्ति संभव नहीं है अथवा जो अप्रासंगिक हो चुके हो, का विश्लेषण कर उन्हें लंबित आश्वासनों की सूची से निकालने के लिये विभाग प्रमुख कारण बताते हुये विधानसभा की आश्वासन समिति से अनुरोध करें।
इसके लिये संसदीय कार्य विभाग ने संसदीय कार्य नियमावली के एक बिन्दु का भी हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि विधानसभा की आश्वासन समिति के समक्ष लंबित कतिपय ऐसे आश्वासन, जो अधिक समय व्यतीत होने के कारण महत्वपूर्ण एवं प्रासंगिक न रहे हों या जो न्यायाधीन हों या जिनके संबंध में कोई विभागीय जांच लंबित हो या किन्हीं अन्य विशिष्ट कारणों से उनका कार्यान्वयन किया जाना संभव नहीं हो या नई सरकार विशिष्ट क्षेत्रों में पिछली सरकार की नीतियों से सहमत न हो, तो विभाग इन्हें लंबित आश्वासन सूची से बाहर निकालने के लिये कारण बताते हुये आश्वासन समिति से अनुरोध कर सकते हैं।