कलह की अटकलों के बीच दिग्गी-कमलनाथ की मुलाकात, लिखा- छोटे-मोटे मतभेद रहे, लेकिन मनभेद नहीं


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स्टोरी हाइलाइट्स

2020 में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद उपजे मतभेदों को पीछे छोड़ते हुए दोनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात से क्या वाकई मध्य प्रदेश कांग्रेस को फायदा होगा..?

शुक्रवार 12 सितम्बर की सुबह मध्य प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस की एक नई तस्वीर सामने आई है। तस्वीर में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ एक साथ नज़र आ रहे हैं। 2020 में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद उपजे मतभेदों को पीछे छोड़ते हुए दोनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात से क्या वाकई मध्य प्रदेश कांग्रेस को फायदा होगा?

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर की है, जिसमें दोनों पूर्व मुख्यमंत्री एक साथ नज़र आ रहे हें।

कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर एकता का संदेश दिया। खास बात यह रही कि उन्होंने साफ कहा, ‘छोटे-मोटे मतभेद रहे हैं, लेकिन दिलों के मतभेद कभी नहीं रहे।’

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दिग्विजय सिंह ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'कमलनाथ से उनका करीब 50 साल से पारिवारिक रिश्ता है। राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन दोनों नेता हमेशा कांग्रेस की विचारधारा के लिए एकजुट होकर लड़ते रहे हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने दोनों को नेतृत्व के अवसर दिए हैं और जनता ने हमेशा उन पर प्यार बरसाया है।

बता दें कि मार्च 2020 में जब कमलनाथ सरकार गिरी थी, तब दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल चला था। दोनों के बीच विवाद की यह तस्वीर खुलकर सामने आई थी। दिग्विजय और कमलनाथ दोनों ने ही सरकार (MP Congress) गिराने के लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराया था। यही वजह थी कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में यह धारणा बन गई थी कि आपसी कलह ने पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया है। लेकिन, अब दिग्विजय सिंह का यह सोशल मीडिया पोस्ट एक नया संकेत देता है कि आने वाले समय में कांग्रेस पुराने मतभेदों को पीछे छोड़कर नई एकता की तस्वीर पेश करना चाहती है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस का यह संदेश एक बड़ी कोशिश का संकेत है कि वह अपनी फीकी पड़ चुकी चमक को वापस पाना चाहती है। लेकिन सिर्फ़ तस्वीरें साझा करने या बयान देने से खोई हुई विश्वसनीयता वापस पाना इतना आसान नहीं है। क्योंकि असली फ़ायदा तभी मिलता है जब नया नेतृत्व एकजुट होकर व्यक्तिगत अहंकार को किनारे रखकर काम करे। 

राहुल गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को नई ज़िम्मेदारी तो दे दी है, लेकिन अभी तक टीम बनाने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोई ठोस कोशिश नहीं हुई है। कार्यकर्ताओं का विश्वास तभी लौटेगा जब शीर्ष नेतृत्व एकजुट होकर मैदान में उतरेगा।

दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की यह शेयर की गई तस्वीर सिर्फ़ एक प्रतीकात्मक संदेश नहीं है, बल्कि यह मध्य प्रदेश कांग्रेस में एक 'नए अध्याय' की शुरुआत का संकेत भी दे सकती है। सवाल यह है कि क्या यह एकता ज़मीन तक पहुँचेगी या सिर्फ़ सोशल मीडिया तक ही सीमित रहेगी।