वन्यप्राणी क्षेत्रों की सीमा चिन्हित करने बनेगी डिजिटल बाउण्ड्री


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स्टोरी हाइलाइट्स

वन्यप्राणी क्षेत्रों में खनन एवं निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित है जबकि ईको सेंसेटिव जोन में निर्माण रेगुलेटेड यानि विनियमित हैं..!!

भोपाल: प्रदेश में वन विभाग के अंतर्गत 11 नेशनल पार्क, 7 टाईगर रिजर्व एवं 24 वन्यप्राणी अभयारण्य हैं जिनमें इको सेंसेटिव जोन भी शामिल है। वन्यप्राणी क्षेत्रों में खनन एवं निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित है जबकि ईको सेंसेटिव जोन में निर्माण रेगुलेटेड यानि विनियमित हैं। अब इन सभी वन्यप्राणी क्षेत्रों की सीमा चिन्हित करने के लिये डिजिटल बाउण्ड्री बनाई जायेगी।

यह डिजिटल बाउण्ड्री राजस्व विभाग द्वारा तैयार की जायेगी जिसमें वनमंडलों के डीएफओ सहयोग प्रदान करेंगे। राजस्व विभाग अपने कम्प्यूटरीकृत नक्शों में यह डिजिटल बाउण्ड्री प्रदर्शित करेंगें जिससे पता चलेगा कि वन्यप्राणी क्षेत्रों की सीमा के पास ईको सेंसेटिव जोन एवं राजस्व भूमि कहां तक है। 

इससे यह लाभ होगा कि वन्यप्राणी क्षेत्रों में पर्यटक आवास, रिसोर्ट आदि गतिविधियां स्थापित करने के लिये राजस्व विभाग के कम्प्यूटरीकृत अभिलेखों में डिजिटल बाउण्ड्री के जरिये देखा जा सकेगा कि कहां इन गतिविधियों को अनुमति दी जा सकती है। इसके लिये वन एवं राजस्व विभाग के बीच सहमति हो गई है तथा आगामी 2 माह के अंदर यह डिजिटल बाउण्ड्रर राजस्व विभाग को अपने कम्प्यूटरीकृत नक्शों में प्रदर्शित करना है।