Delhi Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. रविवार को दिल्ली के साथ-साथ नोएडा और गाजियाबाद में भी भूकंप के झटके आए. तो वहीं हरियाणा के भी कुछ इलाकों में भूकंप आया है. भूकंप की तीव्रता 3.1 थी, जिसका केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद में था.
इससे पहले 3 अक्टूबर को भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि लोग अपने घरों से निकलकर सड़क पर आ गए.
भूकंप क्यों आते हैं?
पृथ्वी के अंदर कुल सात प्लेटें हैं. जो हमेशा काम करती रहती है. जहां ये प्लेटें टकराती है उसे भ्रंश क्षेत्र कहते हैं. जब ये प्लेटें टकराती हैं तो ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है. ये प्लेट हलचलें भूकंप बन जाती हैं. भूकंप का केंद्र सतह के जितना करीब होता है, वह उतनी ही अधिक तबाही मचाता है.
किस प्रकार करें भूकंप की तीव्रता महसूस?
अगर भूकंप की तीव्रता 0 से 1.9 रिक्टर हो तो यह महसूस नहीं होता है. इसकी जानकारी सिस्मोग्राफ से प्राप्त होती है. वहीं, 2 से 2.9 रिक्टर पर हल्के झटके महसूस किए जाते हैं. इसके अलावा अगर इसकी तीव्रता 3 से 3.9 हो तो कुछ तेज़ झटके महसूस होते हैं. हालांकि, 4 से 4.9 रिक्टर की तीव्रता खिड़कियां टूटने का कारण बन सकती है, जबकि 5 से 5.9 रिक्टर की तीव्रता सामान और पंखे हिलाने का कारण बन सकती है.
जब भूकंप की तीव्रता 6 से 6.9 हो तो घरों की नींव में दरार आ सकती है और जब तीव्रता 7 से 7.9 तक पहुंच जाए तो घर गिर सकते हैं. जिससे भारी तबाही हो सकती है. अगर 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप आए तो सुनामी का भी खतरा रहता है. यदि भूकंप की तीव्रता 9 हो तो पृथ्वी हिलती हुई प्रतीत होती है.