मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में नियम तोड़ने का मामला सामने आया है। आरोप है, कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और चार अन्य लोगों ने गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की। लेकिन किसी को भी मंदिर के गर्भगृह में जाकर प्रार्थना करने की इजाजत नहीं है। मंदिर प्रशासन ने यह प्रतिबंध पिछले साल लगाया था। लेकिन समय-समय पर वीआईपी के नाम पर इन नियमों की अनदेखी की जाती है।
जानकारी के मुताबिक, शाम 5.38 बजे एकनाथ शिंदे के बेटे और महाराष्ट्र के कल्याण सांसद श्रीकांत शिंदे अपनी पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे। यहां सभी ने करीब छह मिनट तक पूजा की। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे अपनी पत्नी व दो अन्य लोगों के साथ शाम 5:38 से 5:44 तक बाबा महाकाल के गर्भगृह में रहे। इस दौरान उन्होंने बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की। उनके गर्भगृह में पूजा करने की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। बता दें कि पिछले 14 महीने से बाबा महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश करने पर रोक लगी हुई है। ऐसे में सांसद श्रीकांत शिंदे का तीन अन्य लोगों के साथ गर्भगृह में प्रवेश करना विवाद का कारण बन गया है।
सांसद श्रीकांत शिंदे समेत चार लोगों के बाबा महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश करने पर कांग्रेस ने भी हमला बोला है। एमपी कांग्रेस ने अपने एक्स अकाउंट पर लिख- सत्ता के मद में भाजपा और उनके सहयोगी दलों के नेता अपने आप को भगवान से भी ऊपर मानने लगे हैं। नीति, नियम और उनका पालन इन्हें कहां रास आएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के बेटे द्वारा बाबा महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ प्रवेश करना ना सिर्फ नियमों का बल्कि सुरक्षा का भी उल्लंघन है। मुख्यमंत्री स्वयं उज्जैन के हैं, मगर वे बाबा महाकाल मंदिर में नियमों का पालन नहीं करवा पा रहे। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने भी इसका कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा- जब सभी के लिए गर्भगृह में प्रवेश पर रोक है, तो फिर सांसद सहित तीन लोग कैसे और किसकी अनुमति से वहां पहुंच गए?
मामले को लेकर कलेक्टर और श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह से चर्चा की गई तो उन्होंने अनुमति देने की बात से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा- सांसद श्रीकांत शिंदे और उनके परिवार के गर्भगृह में प्रवेश की जानकारी नहीं है। मैंने किसी को भी गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी है। मामले की जानकारी लेने के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ को कॉल किया गया तो उन्होंने रिसीव नहीं किया।
खास बात यह रही कि उनके साथ मंदिर के सुरक्षा प्रभारी जयंत राठौड़ और गर्भगृह निरीक्षक भी मौजूद रहे। आपको बता दें कि पिछले साल पुजारियों को छोड़कर बाकी सभी के गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, हालाँकि, नियम तोड़ना जारी है।