हाथी-मानव द्वन्द रोकने की नीति के साथ पर्यटकों को हाथी भी दिखाये जायेंगे


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स्टोरी हाइलाइट्स

प्रदेश में जहां जंगली हाथियों का नियमित रहवास पाया जाता है, वहां के क्षेत्र में पर्यटकों को प्राकृतिक रूप से हाथी दिखाये जायेंगे। इसके लिये कर्नाटक राज्य की तर्ज पर प्रचार-प्रसार किया जायेगा..!!

भोपाल: प्रदेश में हाथी-मानव द्वंद्व रोकने के संबंध में नीति तैयार की जायेगी। जंगली हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा हेतु नवीन तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग कर उचित उपाय किये जायेगें। इसके अलावा, प्रदेश में जहां जंगली हाथियों का नियमित रहवास पाया जाता है, वहां के क्षेत्र में पर्यटकों को प्राकृतिक रूप से हाथी दिखाये जायेंगे। इसके लिये कर्नाटक राज्य की तर्ज पर प्रचार-प्रसार किया जायेगा।

ये नवीन निर्देश राज्य शासन ने वन विभाग की वन्यप्राणी शाखा को जारी किये हैं। हालांकि वन विभाग दो साल पहले 11 जनवरी 2023 को मानव-हाथी द्वन्द के प्रबंधन हेतु दिशा-निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन इसके बाद भी इसके लिये नवीन नीति बनाई जायेगी।

वन विभाग से यह भी कहा गया है कि वह प्रदेश में बाघ, तेन्दुआ एवं हाथी की बढ़ती संख्या को देखते हुए वन्यजीव विशेषज्ञों को आमंत्रित कर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित कर, उनके प्रबंधन पर आवश्यक रणनीति तैयार करे।

बढ़ाई जायेगी मुआवजा राशि :

वन विभाग को वन्यप्राणियों के हमले से होने वाली जनहानि पर मुआवजा बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार करने के भी राज्य शासन ने निर्देश दिये हैं। अभी जनहानि पर 8 लाख रुपये प्रति व्यक्ति मुआवजा राशि है जिसे महाराष्ट्र राज्य की तर्ज पर 25 लाख रुपये प्रति व्यक्ति किये जाने की तैयारी है। प्रस्ताव पर मंजूरी राज्य सरकार देगी।