मध्य प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल को अपने नाबालिग पोते के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के जरिए वोट देना महंगा पड़ गया। उनके खिलाफ हरदा के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा पीठासीन अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। कमल पटेल पर आरोप कोर्ट में साबित होने की सूरत में, उन्हें 6 महीने तक की जेल हो सकती है।
हरदा के जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया कि हरदा में 7 तारीख को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था। पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल ने यहां बूथ नंबर 107 पॉलिटेक्निक कॉलेज में अपना वोट डाला। इस पोलिंग बूथ से कमल पटेल की अपने पोते के साथ मतदान के दौरान की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसे लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने चुनाव आयोग से शिकायत की और पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग की। मामले की जांच की गई और उसके बाद कमल पटेल के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बहस के दौरान कहा कि जब कमल पटेल वोट कर रहे थे तो उनके पास एक बच्चा भी खड़ा था। बाद में पता चला कि बच्चा उनका पोता था।
पूर्व कृषि मंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वोट की फोटो भी पोस्ट की, जिसमें बच्चे के दोनों पैर नजर आ रहे हैं। बाद में पता चला कि कमल पटेल अपने पोते के साथ वोट डालने गए थे, जो गलत है। इस संबंध में ही शिकायत की गई।
पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर धारा 128, 130, 131, 188 के तहत मामला दर्ज किया गया। कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया कि ऐसे अपराध में आरोप सिद्ध होने पर आर्थिक दंड और 6 माह तक की सजा का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि मतदान की गोपनीयता भंग करना, अनाधिकृत व्यक्तियों को मतदान केन्द्र पर ले जाना तथा अनाधिकृत फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी करना अपराध है।