प्राण प्रतिष्ठा: कांग्रेस ने किया भारत की पहचान-संस्कृति को अस्वीकार


स्टोरी हाइलाइट्स

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राममंदिर पर फैसले को लेकर कांग्रेस को सुनाई खरी-खरी

अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस  ने अपना पक्ष साफ़ कर दिया है। कांग्रेस ने एक बयान जारी कर इस पूरे कार्यक्रम से किनारा कर लिया है। साथ ही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को आरएसएस और बीजेपी का इवेंट बताया है।

अब इसे लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी बयान सामने आया है। शिवराज सिंह चौहान का कहना है, कि कांग्रेस द्वारा राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करना, भारत की पहचान तथा संस्कृति को अस्वीकार करना है।

आपको बता दें, कि कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि न सोनिया गांधी और न ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इन नेताओं ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निमंत्रण को ठुकरा दिया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा कि पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला था।

बयान में आगे कहा गया है कि  भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है।'

साथ ही कांग्रेस ने मंदिर के अधूरे निर्माण पर के बीच प्राण प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठाये हैं। बयान में कहा गया कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।