भोपाल: केंद्रीय एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के सख्त निर्देश पर अंततः साल भर बाद राज्य शासन ने उत्तर शहडोल वन मंडल में पदस्थ वन संरक्षक गौरव चौधरी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर बनाया गया। साल भर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्ट का पद रिक्त था। इसी प्रकार पेंच नेशनल पार्क के संचालक का पद 2 साल से रिक्त है। अतिरिक्त प्रभार में प्रबंधन का कार्य चल रहा है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुई बाघों की मौत पर राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश के बाघ प्रबंधन पर सवाल उठने लगे। नेशनल अखबारों में भी टाइगर मौत की खबरें सुर्खियों में रही। इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में भी मामला उठा। इन सब कारणों के केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव मुख्यमंत्री मोहन सिंह यादव को कई बार बांधवगढ़ में पूर्णकालीन डायरेक्टर पदस्थ करने की हिदायत देते हुए पत्र भी लिखे।
हालांकि उनके निर्देश पर मुख्यमंत्री यादव यही बहाना बनाते रहे कि वन मंत्री नए बने हैं इसलिए आईएफएस के पदस्थापनाओं के संबंध में विचार- मंथन चल रहा है। लंबे समय से निर्णय नहीं हो पाने के कारण केंद्रीय मंत्री यादव ने सख्त लहजे में मुख्यमंत्री को निर्देश दिए कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तत्काल फील्ड डायरेक्टर को पदस्थ करें। केंद्रीय मंत्री के निर्देश पर रविवार को गौरव चौधरी पोस्टिंग के आदेश जारी करने पर जबकि पेंच नेशनल पार्क में 2 साल से फील्ड डायरेक्टर का पद रिक्त हैं।
सिंगल आदेश और अफसरों में हड़कंप
वन विभाग में लंबे समय से आईएफएस अधिकारियों के कई पद खाली पड़े है। इन पदों को भरने के लिए मुख्यालय से प्रस्ताव भेजे गए है पर उस पर प्राइम पोस्टिंग के लिए हो रही जोर-अजमाईस के चलते निर्णय नहीं हो पा रहे हैं। अचानक रविवार को गौरव चौधरी के सिंगल आदेश को लेकर वन विभाग के अधिकारी हतप्रभ रह गए। वन संरक्षक के अधिकारियों की सूची में और भी नाम थे। हालांकि गौरव चौधरी के साथ-साथ जो अधिकारियों के नाम सूची में शामिल थे। इन नाम पर सहमति नहीं बन पा रही थी इसलिए मामला अधर में लटका था। जैसे दक्षिण सिवनी में पदस्थ वन संरक्षक वासु कनौजिया को बैतूल सर्किल, होशंगाबाद सर्किल में पदस्थ वन संरक्षक अनिल शुक्ला की सेवाएं डेपुटेशन पर वन विकास निगम को सौंपने का प्रस्ताव शामिल था।