Gwalior Regional Industrial Conclave: यह सम्मिट भी कहीं औपचारिक सरकारी शगूफा बनकर न रह जाए?


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स्टोरी हाइलाइट्स

सोशल मीडिया पर कुछ इस तरह के सवाल भी तैरते दिखाई दे रहे हैं, कि क्या वाकई में जिस उद्देश्य को लेकर ये समिट आयोजित किए जा रहे हैं, सरकार उन उद्देश्यों को पूरा करने में सफल होगी..!

ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश को कई सौगातें दीं। खासतौर पर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए कई सारी घोषणाएं की गईं जिनसे उद्योगों को बढ़ावा मिलने और प्रदेश में निवेश आने की उम्मीद है। लेकिन इसके साथ ही सोशल मीडिया पर कुछ इस तरह के सवाल भी तैरते दिखाई दे रहे हैं, कि क्या वाकई में जिस उद्देश्य को लेकर ये समिट आयोजित किए जा रहे हैं, सरकार उन उद्देश्यों को पूरा करने में सफल होगी। 

या फिर जितने विकास कार्यों का भूमि पूजन या लोकार्पण किया जा रहा है, वे सभी मात्र एक औपचारिकता या कागजों में दर्ज एक शगूफा ही बनकर न रह जाएं। जिन बातों की, जिस तरह के निवेश और रोज़गार मुहैया कराए जाने की बात प्रदेश की जनता के लिए की जा रही है, ये विकास वाकई में देखने को मिल पाएगा। या फिर सरकार के वायदे और दावे खोखले साबित होंगे।

ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्रियल समिट एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना है। हालाँकि, यह चिंता वाजिब है कि यह केवल एक औपचारिकता न बनकर रह जाए।ऐसी सम्मेलनों की सफलता के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना लाजमी है। समिट में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर उद्योगपतियों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है ताकि उनके अनुभव और सुझावों को शामिल किया जा सके। वास्तविक मुद्दों तक पहुँचने की कोशिश होनी चाहिए ताकि सभी दृष्टिकोणों पर विचार किया जा सके।

समिट के अंत में स्पष्ट और व्यावहारिक कार्य योजनाओं का निर्माण होना चाहिए, जिन्हें कार्यान्वित किया जा सके। सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि रणनीतियों को सही दिशा मिल सके।

केवल तात्कालिक योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, दीर्घकालिक विकास के लिए योजना बनानी चाहिए। समिट के बाद की प्रोग्रेस की रेग्युलर मॉनिटरिंग होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चर्चा किए गए मुद्दे और योजनाएँ लागू हो रही हैं।

इन पहलों के माध्यम से ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्रियल समिट को एक वास्तविक स्थिति बनाने के लिए मजबूती मिलेगी, जिससे यह केवल औपचारिकता न बनकर वास्तविक औद्योगिक विकास का मार्गदर्शन कर सके। इस एक दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने प्रमुख उद्योगपतियों से वन-टू-वन बातचीत की और ग्वालियर चंबल क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाओं पर चर्चा की।

8,000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे लगभग 35,000 रोजगार के अवसर पैदा हुए मुख्यमंत्री ने किया वर्चुअल भूमिपूजन एवं रु. 1,586 करोड़ रुपये के निवेश से 47 इकाइयों का उद्घाटन किया गया। 120 इकाइयों को भूमि आवंटन हेतु आशय पत्र जारी, 8 निवेश सुविधा केन्द्रों का उद्घाटन भी किया। ग्वालियर समिट के दौरान कुल रु. 8,000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिससे लगभग 35,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

समिट के दौरान सीएम यादव ने 20 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और उद्योग संघों के साथ वन-टू-वन बैठक की। इनमें अडानी ग्रुप, रिलायंस ग्रुप, टॉपलाइट फूड, एलिक्सिर इंडस्ट्रीज, एसएसजी फर्निशिंग सॉल्यूशंस, प्राइम गोल्ड, एजीआई ग्लास पैक शामिल हैं। अदानी पोर्ट्स एंड सेज़ लिमिटेड मंच पर रिलायंस बायो एनर्जी के एमडी करण अडानी, विवेक तनेजा, ट्रॉपिलाइट फूड के एमडी पुनीत डावर ने मध्य प्रदेश में निवेश को लेकर अपने अनुभव साझा किए।