Dindori Triple murder: मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल डिंडोरी में स्वास्थ्य विभाग का अमानवीय चेहरा देखने को मिला। दरअसल, हमले में घायल शख्स को इलाज के लिए गाड़ासरई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। उनकी मृत्यु के बाद उनकी गर्भवती पत्नी ने उनका इस्तेमाल किया हुआ बिस्तर साफ किया। हालांकि अस्पताल में तैनात डॉक्टर का कहना है कि उनकी पत्नी ने सबूत जुटाने के लिए अपनी मर्जी से ऐसा किया।
मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने इसे घोर लापरवाही बताया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टर समेत पूरे स्टाफ को नोटिस जारी किया।
डिंडोरी में हुए ट्रिपल मर्डर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। जमीन विवाद को लेकर हुए हमले में गंभीर रूप से घायल और खून से लथपथ शिवराज और रामराज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र गाड़ासरई में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान शिवराज की मौत हो गई। घायल शिवराज की मौत के बाद जिस बिस्तर पर उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, उसे उसकी गर्भवती पत्नी ने साफ किया।
सोशल मीडिया पर खून से लथपथ बिस्तर पर लेटे हुए शिवराज और मौत के तुरंत बाद मृतक की पत्नी रोशनी के साथ बिस्तर साफ करते अस्पताल के कर्मचारी दोनों की तस्वीरें वायरल हैं। बता दें कि मृतक की पत्नी रोशनी पांच माह की गर्भवती है।
अस्पताल में तैनात डॉ. चन्द्रशेखर टेकाम का मृतक की पत्नी से बिस्तर साफ कराने को लेकर अलग ही तर्क था। उन्होंने बताया कि सबूत जुटाने के नाम पर महिला ने वहां बिखरे खून को एक कपड़े में इकट्ठा कर लिया। डॉक्टर ने यह भी कहा कि उन्हें बिस्तर की सफाई को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।
गाड़ासरई थाना क्षेत्र के लालपुर गांव में बीती शाम जमीन विवाद के चलते एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। जिसमें पिता और उसके एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरे और तीसरे बेटे को गंभीर चोटें आईं और उन्हें इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र गाड़ासरई में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान दूसरे बेटे शिवराज की मौत हो गई। जबकि तीसरे बेटे की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, उसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। इस तिहरे हत्याकांड में गाड़ासरई पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने हत्या में शामिल कुछ संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है।
खबर दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टर समेत पूरे स्टाफ को नोटिस जारी किया। प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन की इस हरकत को घोर लापरवाही बताया है।