IISER Bhopal Convocation: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को बधाई दी और भारत के इतिहास के बारे में भी बात की।
कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा, ''भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान को बधाई। आज 442 विद्यार्थी डिग्री प्राप्त कर रहे हैं। हम उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं। यह डिग्री कोई कागज का टुकड़ा नहीं है, यह आपकी शिक्षा की पहचान है। ज्ञान आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है।”
सीएम मोहन यादव ने कहा, यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सबसे सशक्त वित्त मंत्री की भूमिका निभा रहीं निर्मला सीतारमण का मैं मध्य प्रदेश की धरती पर हृदय से स्वागत और अभिनंदन करता हूं। इस अवसर पर उन्होंने नये शैक्षणिक भवन एवं व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास भी किया।
सीएम मोहन यादव ने भारत के इतिहास की चर्चा करते हुए विदेशी आक्रांताओं के हमलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ''समय के प्रभाव में भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ किया है। लेकिन, जब भी आक्रमणकारियों ने भारत पर हमला किया, उन्होंने सबसे पहले शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाया। हालाँकि, भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की है।
कार्यक्रम के दौरान वास्को डी गामा का जिक्र करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा, ''भारत के पिछले 300 साल के इतिहास पर नजर डालें तो भारत की पहचान कपड़ा, कपास और मसालों से होती थी। लेकिन, वास्कोडिगामा मसाला जहाज़ का पीछा करते-करते भारत आ गया। "18वीं सदी में भारत कपड़ा, कपास और मसालों के लिए जाना जाता था और 19वीं सदी में पेट्रोल ने नई ज़मीन तैयार की।"
उन्होंने कहा, ''विज्ञान में प्रकाश की गति सबसे तेज़ मानी जाती है। लेकिन, अगर हम रामायण काल को देखें तो काकभुशुण्डि भी थे, जिनकी गति उनसे भी कहीं अधिक थी। इसीलिए भारत शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा आगे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश ने देशभक्ति की कई मिसालें पेश की हैं, लेकिन शोध के क्षेत्र में पिछड़ने की कीमत देश को चुकानी पड़ रही है। मुझे उम्मीद है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये संगठन देश को आगे ले जाएंगे।