भोपाल। राज्य के योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला ने सभी विभाग प्रमुखों से उनके यहां मोटे पारिश्रमिक पर रखे गये कन्सलटेंटों की जानकारी तलब की है। सभी विभागों को उनके अधीन आने वाले निगम, मंडल एवं कंपनियों में भी रखे गये कन्सलटेंटों की भी जानकारी देनी होगी।
दरअसल राज्य के वित्त विभाग ने मानदण्ड बना रखे हैं कि किसी कन्सलटेंट को कितना परिश्रमिक दिया जायेगा। परन्तु इसके बावजूद कहीं अधिक राशि पर इन कन्सलटेंटों को अपाईंट किया गया है। सभी विभागों को एक प्रोफार्मा में इन कन्सलटेंटों के बारे जानकारी देनी होगी।
प्रोफार्मा में पहला कालम विभाग के नाम का है तथा दूसरा कालम में विभाग निगम/मंडल/कंपनी का नाम देना होगा जिसने कन्सलटेंट की नियुक्ति की है। तीसरा कालम कन्सलटेंट की नियुक्ति हेतु किये गये अनुबंध की प्रकृति के बारे में जानकारी देने का है जिसमें दो उप बिन्दु हैं जिनमें पहला व्यक्तिगत अनुबंध का है और दूसरा फर्म/कंपनी के साथ का अनुबंध है। चौथा कालम पदस्थ कन्सलटेंटों की संख्या देने का है। पांचवा कालम कन्सलटेंट के स्कोप आफ वर्क के बारे में जानकारी उल्लेखित करने के बारे में है। छठवां कालम, वित्तीय वर्ष 2023-24 में इन कंसलटेंट पर व्यय की गई राशि का है। सभी विभागों से कहा गया है कि वे निर्धारित प्रोफार्मा को भरकर अपने उप सचिव के हस्ताक्षर के साथ भेजें।
उल्लेखनीय है कि राज्य के वित्त विभाग ने 18 साल पहले 15 दिसम्बर 2004 को सभी विभागों को कंसलटेंट नियुक्त करने के संबंध में शर्ते जारी की थीं कि सिर्फ 6 माह के लिये ही निर्धारित मानदेय पर (उस समय 26 हजार रुपये प्रति माह था) रखा जा सकेगा और 65 वर्ष से अधिक आरयु के व्यक्ति को कंसलटेंट नहीं बनाया जायेगा। लेकिन अनेक विभागों में इन शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, योजना विभाग भी अपने यहां अन्य विभागों के लिये कंसलटेंट नियुक्त करता है। ऐसे में दोहराव की स्थिति बन रही है।