भोपाल। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने 43 साल पहले लिये गये अपने उस फैसले को अब निरस्त कर दिया है, जिसमें उसने कुख्यात डाकुओं के संबंध में सूचना देने वाले मुखबिरों को शासकीय नियुक्ति की सुविधा देने का प्रावधान किया था।
दरअसल, 43 साल पहले प्रदेश में डकैतों की बहुतायत थी और इस समस्या से निपटने के लिये मुखबिर तंत्र मजबूत किया जाना था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने 28 अगस्त 1981 को सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से एक परिपत्र सभी जिला कलेक्टरों को जारी किया था कि कुख्यात डाकुओं के बारे में सूचना देने वाले मुखबिरों को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी जायेगी। चूंकि अब प्रदेश में कुख्यात डाकुओं को वजूद नहीं है, इसलिये अब इस 43 साल पुराने परिपत्र को निरस्त कर दिया गया है।