नम आंखों से कमलनाथ ने स्वीकार की हार, एक दिवसीय दौरे पर छिंदवाड़ा पहुंचे पूर्व सीएम


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Chindwada Loksabha Election 2024: आखिरकार कमलनाथ के 45 वर्षों का सपना एकाएक भाजपा ने छिंदवाड़ा लोकसभा को फतह कर पूरा कर लिया। एक लाख 13 हजार से अधिक मतों से विवेक बंटी साहू ने पूर्व सीएम कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ को पटखनी देते हुए जीत की इतिहास रच दिया है।  इसी हार की समीक्षा करने को लेकर एक दिवसीय दौरे पर छिंदवाड़ा पहुंचे कमलनाथ ने नम आंखों से अपनी हार को स्वीकार करते हुए लोकसभा में हार समीक्षा करने की बात कही।

मीडिया से चर्चा के दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि केवल एक सीट की बात नहीं है इतनी लंबी हार हुई है यह सोचने की बात है। परंतु देश में हमारे अच्छे परिणाम आए हैं जो मोदी जी कहते थे 300 पार 400 पार उनकी केवल 240 सीट आई है। और हमारे गठबंधन की अच्छी सीट आई है अब यह आने वाली राजनीति को एक नई दिशा देगी । 

इंडिया गठबंधन द्वारा सरकार बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा अभी तो इनका गठबंधन है, गठबंधन से यदि कोई हटता है तो फिर सोचा जाएगा ।

एक दिवसीय दौरे पर छिंदवाड़ा पहुंचते ही पूर्व सीएम कमलनाथ और पुत्र नकुलनाथ ने कांग्रेस पदधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बैठक में सातों कांग्रेस के विधायक मौजूद रहे। जैसे ही मंच से कमलनाथ ने हार की समीक्षा को लेकर बाते शुरू की वैसे ही कांग्रेस पदधिकारियों और कार्यकर्ताओं की आंखों से आंसू छलक पड़े। 

वहीं सौंसर विधायक विजय चौरे भी कंलनाथ की बातें सुनकर भावुक हो गए और उनकी आंखों से अश्रुधारा बहने लगी। कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने कार्यकर्ताओं की एक बैठक लेकर इस हार का पोस्टमार्टम करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, “छिंदवाड़ा की जनता ने उन्हें विदाई दी है और यह विदाई मैं स्वीकार करता हूं।” 

कमलनाथ ने साफ इशारा कर दिया है कि अब उनकी विदाई छिंदवाड़ा से हो चुकी है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा की छिंदवाड़ा की जनता और उनका संबंध 45 साल पुराना है। यह संबंध हमेशा बना रहेगा और वह छिंदवाड़ा की जनता के आभारी है कि उन्होंने 45 साल तक उन्हें प्यार और शक्ति प्रदान की जिसकी बदौलत में लगातार आगे बढ़ते रहे। 

कमलनाथ ने छिंदवाड़ा आने को लेकर बताया कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने पूरे देश में बेहतर काम किया और जनता ने भी हमे सहयोग किया है। इसलिए मुझे दिल्ली बुलाया जा रहा था। लेकिन मैंने कहा कि पहले मैं छिंदवाड़ा जाऊंगा और छिंदवाड़ा की जनता के साथ इस समय पर खड़ा रहूंगा उसके बाद ही दिल्ली आऊंगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा इस हार का कारण आप खुद तलाश कीजिए और जो भी निष्कर्ष निकलता है वह मुझे व्यक्तिगत रूप से भी आप भेज सकते हैं।

बैठक के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे ने अपना इस्तीफा सौंपा। लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सातों विधानसभा में भाजपा को शिकस्त दी थी। जिसका श्रय मुझे दिया गया था । हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा देता हूं। हालाकि अभी उनका इस्तीफा स्वीकार होगा या नही यह तय नहीं है।

बैठक के दौरान बोलते हुए, पूर्व सांसद नकुलनाथ ने कहा कि, वह छिंदवाड़ा की जनता का आभार जताते हैं। और इस हार को भी स्वीकार करते हैं। लेकिन उनका बोरिया बिस्तर कहीं नहीं जा रहा है। वह छिंदवाड़ा में ही रहेंगे और यहां काम करते रहेंगे। फिलहाल उनकी प्राथमिकता दो-तीन महीने में अमरवाड़ा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव हैं। जिसमें वह कांग्रेस के प्रत्याशी को जिताने के लिए लगातार काम करेंगे। 

छिंदवाड़ा से उनका संबंध पिता की तरह ही 45 साल पुराना है। और यह संबंध इतनी आसानी से नहीं टूटेगा। यानि कि नकुलनाथ ने साफ कर दिया, कि वह छिंदवाड़ा में ही रहेंगे। हालांकि मतगणना के बाद से ही सोशल मीडिया पर नकुलनाथ के छिंदवाड़ा से चले जाने की बातें चल रही थी जिसे उन्होंने नकार दिया।