BJP प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए खंडेलवाल के नाम की घोषणा, पार्टी मुख्यालय में कार्यसमिति की बैठक में संभाला पदभार


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स्टोरी हाइलाइट्स

बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल निर्विरोध मध्य प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष चुने गए हैं, करीब दस महीने के इंतजार के बाद मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिला है..!!

मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को करीब दस महीने के इंतजार के बाद अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। बैतूल से पार्टी विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम निर्विरोध सामने आया है। खंडेलवाल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पसंदीदा बताए जाते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और केंद्रीय नेतृत्व ने भी उनके नाम पर सहमति जताई है। 

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद पर औपचारिक घोषणा से पहले ही भोपाल में हेमंत खंडेलवाल को बधाई देने वाले पोस्टर लग गए। खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा की जगह 1964 दिन बाद आज बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। मंगलवार 1 जुलाई को हेमंत खंडेलवाल ने प्रदेश अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया था। सिंगल नॉमिनेशन होने के चलते कल ही ये तय हो गया था कि हेमंत नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे। 2 जुलाई बुधवार को उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पदभार गृहण किया।

प्रदेश भाजपा कार्यालय में कार्यसमिति की बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए हेमंत खंडेलवाल के नाम की औपचारिक घोषणा की गई। इस बैठक में चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान, संगठन चुनाव की पर्यवेक्षक और प्रदेश चुनाव अधिकारी विवेक शेजवलकर ने हेमंत खंडेलवाल के निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की। इस दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक सहित तमाम दिग्गज मौजूद रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल समेत कई नेताओं ने उनके नाम पर समर्थन जताया है। बताया जाता है कि संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी दिए जाने की पैरवी कर रहे थे।

2 सितंबर 1964 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में जन्मे हेमंत खंडेलवाल के पिता विजय खंडेलवाल बैतूल से सांसद रह चुके हैं। पिता की मौत के बाद हुए उपचुनाव में हेमंत 2008-09 में इस सीट से सांसद बने थे। हेमंत के पिता विजय खंडेलवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं। उनकी गिनती संघ के करीबी नेताओं में भी होती थी। इस वजह से हेमंत खंडेलवाल का संगठन से रिश्ता और भरोसा काफी पुराना है। हेमंत 2013, 2018 और 2023 में बैतूल से विधायक चुने जा चुके हैं। इसके अलावा वे मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। खंडेलवाल फिलहाल कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
मध्य प्रदेश की राजनीति में खंडेलवाल को संघ का वफादार कार्यकर्ता और आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी का करीबी माना जाता है। डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने में सुरेश सोनी के विचारों ने भी अहम भूमिका निभाई। दिल्ली में सोनी और यादव दोनों ने मिलकर हेमंत खंडेलवाल का नाम आगे बढ़ाया है। सीएम यादव ने केंद्रीय भाजपा नेतृत्व को यह भी भरोसा दिलाया है कि खंडेलवाल के नेतृत्व में सरकार और संगठन के बीच समन्वय मजबूत होगा। क्योंकि वर्तमान में वीडी शर्मा और सीएम यादव के बीच खराब समन्वय की खबरें आती रही हैं।
मध्य प्रदेश भाजपा सूत्रों का कहना है कि खंडेलवाल की नियुक्ति के बाद अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय और तालमेल बेहतर होगा। क्योंकि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पार्टी कार्यकर्ताओं से ज्यादा बातचीत नहीं करते हैं। कई बार यह शिकायत भाजपा हाईकमान तक भी पहुंची है। खंडेलवाल उन नेताओं में गिने जाते हैं जो सभी कार्यकर्ताओं की बात सुनते हैं और सभी को साथ लेकर चलते हैं। समन्वय उनकी सबसे बड़ी ताकत बताई जाती है। खंडेलवाल के अध्यक्ष बनने के बाद प्रदेश निगम, विभाग, मंडल, प्राधिकरणों में अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी आएगी। पार्टी और सरकार के बीच समन्वय पहले से बेहतर होगा।

मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस में भी खंडेलवाल ने अहम भूमिका निभाई है। हेमंत खंडेलवाला के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ऑपरेशन लोटस में भी अहम भूमिका निभाई है। सूत्रों का कहना है कि साल 2020 में जब कांग्रेस की कमल नाथ सरकार संकट में थी, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस दौरान सिंधिया समर्थित 22 विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस दौरान सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और भाजपा के हेमंत खंडेलवाल ने अहम भूमिका निभाई थी। इस दौरान बताया गया था कि कई विधायकों को बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में रखने की व्यवस्था की गई थी। उन विधायकों की देखभाल की जिम्मेदारी हेमंत खंडेलवाल ने ली थी। इसके अलावा खंडेलवाल ने केंद्रीय नेतृत्व से समन्वय का काम भी किया था। 

बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल निर्विरोध मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चुने गए। उनके अलावा किसी और ने नामांकन प्रक्रिया में अपना नाम दर्ज नहीं कराया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खंडेलवाल के प्रस्तावक बने। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने मंत्री वीरेंद्र खटीक के बगल में बैठे हेमंत खंडेलवाल की ओर इशारा किया। इसके बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव उनका हाथ पकड़कर मंच पर ले गए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विवेक शेजवलकर और सरोज पांडे की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल किया। भाजपा कार्यालय के सभागार में रिटर्निंग अधिकारी और चुनाव प्रभारी निरीक्षक सरोज पांडे, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार खटीक भी मौजूद रहे।