संसद में ही घटना को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के आखिरी दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और दोनों दलों के सदस्य आसंदी के पास पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के कचरे से खेतों की मिट्टी खराब हो रही है। जिससे किसान खेती नहीं कर पाता है। अन्य जलस्रोतों से भी प्रदूषण फैलता जा रहा है। इसके साथ ही प्रश्नकाल समाप्त हो गया।
विधायक विजयपाल सिंह ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की नल जल योजना पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि योजना के तहत ठेकेदारों ने सड़कों को खोदकर छोड़ दिया है, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध में मंत्री संपतिया उइके ने जवाब दिया कि सड़क सुधार का काम किया जा रहा है।
इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगर ने कहा कि यह जानकारी पिछली बार भी सदन में दी गई थी। इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव ने कहा कि यह समस्या हर किसी के क्षेत्र में है। इस पर एक कमेटी बनाकर निगरानी की जाए। मंत्री ने कहा कि हमने 450 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
बीजेपी विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने उन पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अनुसूचित जनजाति की जमीन खरीदने का आरोप लगाया। इस संबंध में जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि समिति ने बार-बार संबंधित लोगों को बुलाया है। पांच बार समन भेजे जाने के बाद भी वह कमेटी के सामने पेश नहीं हुए। समिति उनके विरुद्ध एकपक्षीय कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया।
नीमच से बीजेपी विधायक दिलीप सिंह परिहार ने सवाल किया कि क्या अनुसूचित जाति और जनजाति विभाग में गुमनाम शिकायतों पर कार्रवाई हो रही है। मुझे बताया गया कि 43 गुमनाम शिकायतें हैं। मेरा सवाल यह है कि ऐसी शिकायतों को 15 दिन के अंदर बंद करने का नियम है। इस संबंध में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने जवाब दिया कि बिना नाम और मोबाइल नंबर की शिकायतें मिली हैं, जिन्हें 7 दिन में बंद कर दिया जाएगा।