लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है और उससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियां जीत के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। इस बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी शनिवार 9 मार्च को बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
भाजपा में शामिल होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा, "...मैं कहना चाहता हूं कि राख के ढेर पर ना शोले हैं ना अंगारे हैं, कुछ तो बात होगी कि हम बेवफ़ा हुए... मुझे अपने जीवन में कभी पद और कद की लालसा नहीं रही, मैं सार्वजनिक तौर पर कह रहा हूं कि अभी मैं बगैर शर्त के यहां आया हूं।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने आगे कहा, "हाल ही में जो कांग्रेस द्वारा निणर्य लिए गए हैं, कांग्रेस जिन सिद्धांतों और नीतियों के लिए जानी जाती रही है उनसे कांग्रेस विमुख हो रही है। कांग्रेस पार्टी जनता से विमुख हो रही है। कांग्रेस को जनता से जो रिशता रखना चाहिए वे नहीं हो पा रही है। कांग्रेस ने आजादी में प्रमुख भूमिका अदा की है इसलिए उन्हें अपने उस इतिहास को याद करके काम करना चाहिए।"
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "दुर्भाग्य से कांग्रेस नेतृत्व देश की सेवा में काम करने वाले ऐसे अच्छे लोगों की अनदेखी कर रहा है। कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति ऐसे माहौल में काम क्यों करना चाहेगा?"
इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव जी और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित कई गणमान्य मौजूद रहे। आपको बता दें, कि सुरेश पचौरी के साथ विशाल पटेल, गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, संजय शुक्ला, अर्जुन पलिया, आलोक चंसोरिया, कैलाश मिश्रा, योगेश शर्मा, अतुल शर्मा, सुभाष यादव, दिनेश ढिमोले भी भाजपा में शामिल हुए।
चार बार सांसद रह चुके सुरेश पचौरी कांग्रेस सरकार में कई मंत्रालयों में केंद्रीय राज्य मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर साल 1972 में एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था। इसके बाद वह 1984 में प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। 1984 में सुरेश पचौरी राज्यसभा के लिए चुने गए। वह 1990, 1996 और 2002 में दोबारा सांसद बने।
सुरेश पचौरी ने अब तक सिर्फ दो बार चुनाव लड़ा है। 1999 में, उन्होंने उमा भारती के खिलाफ भोपाल सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन भारी मतों से हार मिली। इसके बाद साल 2013 में दिवंगत नेता सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा को चुनौती मिली। उस दौरान भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
आपको बता दें कि सुरेश पचौरी केंद्रीय रक्षा, कार्मिक, संसदीय कार्य, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री होने के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के जमीनी स्तर के संगठन कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष भी थे।