Loksabha Election 2024: कमलनाथ के गढ़ में BJP की सेंधमारी की तैयारी? छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे पूर्व सीएम!


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स्टोरी हाइलाइट्स

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटें जीतीं, छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था..!!

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 29 में से 28 सीटें जीतने में कामयाबी मिली थी, लेकिन सिर्फ छिंदवाड़ा सीट ही ऐसी थी,जिसे बीजेपी जीत पाने में असफल रही थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर के बावजूद मध्य प्रदेश बीजेपी पूर्व सीएम कमल नाथ के गढ़ छिंदवाड़ा सीट जीतने में नाकाम रही।

हालांकि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने की रणनीति बनाने में जुटी है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि छिंदवाड़ा सीट पर जीत का परचम लहराने के लिए बीजेपी पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर दांव लगा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो 20 साल बाद शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर लोकसभा चुनाव में उतरेंगे।

आपको बता दें कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ है। इस सीट पर 1952 से लगातार कांग्रेस जीतती आ रही है। इन 72 सालों में बीजेपी यहां से सिर्फ एक बार ही इस सीट पर जीत हासिल कर पाई। उपचुनाव में सुंदरलाल पटवा ने कमल नाथ को हरा दिया और सुंदरलाल पटवा सिर्फ एक साल तक सांसद रहे। बाकी समय यहां कांग्रेस का ही कब्जा रहा। वर्तमान में पूर्व सीएम कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ यहां से सांसद हैं, जबकि कमल नाथ और उनकी पत्नी अलकानाथ भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं।

मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट बीजेपी के लिए मुसीबत बन गई है। चाहे राम मंदिर की लहर हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर, बीजेपी यह सीट नहीं जीत पाई। 2014 के चुनाव में भी बीजेपी ने राज्य की 29 में से 27 सीटें जीती थीं, जबकि 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 29 में से 28 सीटें जीतीं, लेकिन छिंदवाड़ा सीट अभेद रही।.

छिंदवाड़ा सीट का गठन वर्ष 1952 में हुआ था। यहां से पहला चुनाव कांग्रेस के रायचंदभाई शाह ने जीता था। इसके बाद 1957 में कांग्रेस के भीखूलाल लक्ष्मीचंद, 1962 में नारायण राव मनीराम, 1967 में भीखूलाल लक्ष्मीचंद, 1971 में गार्गी शंकर मिश्रा, 1977 में गार्गी शंकर मिश्रा, 1980 में गार्गी शंकर मिश्रा, 1980, 1984, 1989, 1991 और 1996 में कमलनाथ यहां से सांसद रहे।

1997 में कमलनाथ की पत्नी अलकानाथ छिंदवाड़ा से सांसद बनीं। 1998 में बीजेपी के सुंदरलाल पटवा और 1998 में कमलनाथ दोबारा चुनाव जीते। कमल नाथ 2004, 2009 और 2014 में छिंदवाड़ा से सांसद बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ यहां से सांसद चुने गए।