भोपाल रेलवे स्टेशन पुल के नीचे नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, सभी आरोपी गिरफ्तार


स्टोरी हाइलाइट्स

13 साल की बच्ची से गैंगरेप के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. ललितपुर की रहने वाली इस नाबालिग से 4 हैवानो ने रेलवे स्टेशन के पुल के नीचे दुष्कर्म किया था..!

भोपाल में 13 साल की बच्ची से गैंगरेप के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश के ललितपुर की रहने वाली इस नाबालिग से 4 हैवानो ने रेलवे स्टेशन के पुल के नीचे दुष्कर्म किया। इसके बाद पुलिस की नजर से बचाने के लिए उन्होंने उसे थाने के आसपास के बाड़े में सुनसान जगह पर रख दिया। यह खुलासा गैंगरेप पीड़िता ने खुद वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर, ललितपुर के काउंसलर को दिए बयान में किया। मौके पर मौजूद काउंसलर ने बताया कि आरोपी ने बच्ची को भोपाल रेलवे स्टेशन के पास रखा था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी 8 मई को पीड़िता से मिलने ललितपुर जाएंगे.

जान से मारने की धमकी दी-

शोर मचाने पर बदमाशों ने नाबालिग को जान से मारने की धमकी दी। इस पर युवती चुप रही। आरोपी ने बच्ची को भोपाल में बेहोश कर रखा था ताकि वह शोर न मचा सके। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बुधवार शाम ललितपुर पहुंचे। वहां उन्होंने अस्पताल में भर्ती पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।

उसे बाइक से भोपाल लाया गया-

ललितपुर एसपी निखिल पाठक के मुताबिक, दुष्कर्म पीड़िता ने बयान में कहा कि आरोपी उसे बाइक से भोपाल ले गया था. आरोपी के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड से मामले की जांच की जा रही है। ताकि बच्चे को ललितपुर से ले जाने की सही जानकारी मिल सके। पुलिस ने बताया कि नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

आरोपी नाबालिग को वल्लभगढ़ भी ले गया-

ललितपुर पुलिस के मुताबिक, गैंगरेप के एक आरोपी ने बताया है कि नाबालिग को पूछताछ के दौरान बल्लभगढ़ (हरियाणा) ले जाया गया। वे उसे वहां बस से ले गए। आरोपित के बयान की भी जांच की जा रही है। डीआईजी झांसी रेंज जोगेंद्र कुमार को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

पीड़िता की मां के मुताबिक 22 अप्रैल को पाली निवासी चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया 13 वर्षीय नाबालिग को अगवा कर भोपाल ले गए। वहां उन्होंने तीन दिन तक उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद 25 अप्रैल को उसे पाली थाने लाकर छोड़ दिया। पाली थाने के निरीक्षक ने नाबालिग को उसकी मौसी के हवाले कर दिया। मौसी ने उसे 2 दिन तक आरोपी की बहन के पास रखा।

27 अप्रैल को पीड़िता को थाने बुलाया गया और उसका बयान दर्ज किया गया। वहीं शाम को एसएचओ तिलकधारी सरोज ने थाने में बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे मौसी के हवाले कर दिया। अभी तक बच्चे के माता-पिता को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

30 अप्रैल को फिर पीड़िता को थाने बुलाया गया। उन्हें चाइल्ड लाइन टीम को सौंपा गया था। काउंसलिंग के दौरान पीड़िता ने एसएचओ द्वारा दुष्कर्म किए जाने की भी सूचना दी। 2 मई को चाइल्ड लाइन की टीम पीड़िता व उसकी मां को लेकर एसपी कार्यालय पहुंची। एसपी के आदेश पर पीड़िता की मौसी समेत सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।