MP 68th Foundation Day: मध्य भारत कैसे बना मध्यप्रदेश? जानिए MP से जुड़े दिलचस्प किस्से


स्टोरी हाइलाइट्स

MP 68th Foundation Day: साल 1956 में राज्‍यों के पुनर्गठन के फलस्‍वरूप 1 नवंबर 1956 को नया राज्‍य मध्‍य प्रदेश अस्तित्‍व में आया. तभी से 1 नवंबर के दिन मध्य प्रदेश स्थापना दिवस मनाया जाता हैं.

MP 68th Foundation Day: कल यानी 1 नवंबर 2023 को मध्य प्रदेश का 68वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा. जिसको लेकर पूरे प्रदेश भर में कई जगहों पर उत्सव की तैयारियां भी शुरू हो गई है. चुनावी साल में इस दिन को ओर भी ज्यादा ख़ास बनाने में बीजेपी और कांग्रेस कोई भी कसर नहीं छोड़ने वाली हैं. 

यहीं कारण है कि अलग-अलग जगहों पर तैयारियों की गूंज सुनाई देने लगी है. तो चलिए आज उसी मध्य प्रदेश की बात करते हैं जिसके आज़ादी के बाद निर्माण में करीब 34 महीने का समय लगा. वहीं, इसके नामकरण के पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प हैं. जानिए कैसे?

मध्य भारत कैसे बना मध्यप्रदेश? 

मध्य प्रदेश को देश की आजादी के दौरान ‘सेंट्रल प्रोविंस’ मतलब मध्य प्रांत और बरार यानी ‘सीपी एंड बरार’ के नाम से जाना जाता था. हालांकि, आजाद भारत में पहले कई रियासतों को एकीकृत किया गया. उसके बाद 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश राज्य का निर्माण हुआ.

मध्य प्रदेश का निर्माण उस समय के चार राज्यों को मिलाकर किया गया था. जिसमें सीपी एंड बरार, मध्य भारत (ग्वालियर-चंबल), विंध्य प्रदेश और भोपाल  शामिल हैं. इन राज्यों में कई रियासतें भी मौजूद थी जिन्हें राज्य में शामिल किया गया था.

राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया-

आजादी के बाद राज्यों के निर्माण के लिए राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया. उसी आयोग के पास उत्तर प्रदेश जैसा बड़ा राज्य मध्य प्रदेश को बनाने की जिम्मेदारी थी. बड़ा राज्य इसलिए भी क्योंकि इसमें ग्वालियर-चंबल, महाकौशल, विंध्य प्रदेश और भोपाल जैसे इलाकों को शामिल जो करना था.

इसमें कई चुनौतियां भी इसलिए सामने आई क्योंकि चार राज्यों को एक साथ किया जाने लगा तो रियासतदार इसका विरोध करने लगे. ऐसे में सभी समझौतों को पूरा करने में आयोग को करीब 34 महीने का समय लग गया. करीब ढाई साल की कड़ी मेहनत और सभी सिफारिशों पर विचार-विमर्श करने के बाद आयोग ने अपनी फाइनल रिपोर्ट पीएम जवाहरलाल नेहरू के सामने रखी. तब उन्होंने एक नवंबर 1956 को मध्य भारत को मध्यप्रदेश के रूप में एक नई पहचान दी.