MP Congress Protest: सरकार के ख़िलाफ़ कांग्रेस का हल्ला बोल, 50 हजार से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता करेंगे विधानसभा का घेराव


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स्टोरी हाइलाइट्स

MP Congress Protest: विधानसभा का घेराव दोपहर 12 बजे भोपाल के जवाहर चौक इलाके से शुरू होगा, जहां एक बड़ी आमसभा होगी, इसके बाद कार्यकर्ता पैदल मार्च करते हुए रंग महल चौक, रोशनपुरा चौराहे से होते हुए विधानसभा का घेराव करेंगे..!!

MP Congress Protest: मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा का चौथा सत्र सोमवार 16 दिसंबर से शुरु हो रहा है। इसी बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस बड़े आंदोलन की तैयारी में है। कांग्रेस सोमवार 16 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेगी। एमपी कांग्रेस के इस प्रदर्शन में प्रदेश भर से 50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल होंगे।

कांग्रेस के घेराव की शुरुआत राजधानी भोपाल के जवाहर चौक इलाके से होगी, जहां एक बड़ी आमसभा होगी। इसके बाद कांग्रेस नेता हजारों कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा की ओर मार्च करेंगे। इसके बाद कार्यकर्ता पैदल मार्च करते हुए रंग महल चौक, रोशनपुरा चैरास्ता होते हुए विधानसभा का घेराव करेंगे।

विधानसभा का घेराव कर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेगी। जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक और कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे।

शहर में जगह-जगह कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के होर्डिंग्स भी लगाए गए हैं। रविवार 15 दिसंबर की रात नगर निगम कर्मचारियों ने कुछ जगहों से होर्डिंग्स भी हटा दिए। इसे लेकर छिटपुट विवाद की घटनाएं भी हुईं। जिसका कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है।

क्या हैं कांग्रेस की मांगें?

1. 'लाडली बह्ना योजना' के अंतर्गत प्रत्येक महिला को 3000 रुपये प्रति माह की राशि दी जाए।

2. सरकार राज्य के दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का अपना वादा निभाए।

3. गेहूं की MSP 2700 रुपये, धान की 3100 रुपये और सोयाबीन की 6000 रुपये प्रति क्विंटल की जानी चाहिए।

4. भाजपा सरकार द्वारा लिए गए कर्ज पर श्वेत पत्र जारी किया जाए।

5. दलित उत्पीड़न, अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी कांग्रेस सरकार को घेरेगी।

इस आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी जाति गणना की मांग उठाएगी और इसे एक आंदोलन का रूप देने की कोशिश करेगी। कांग्रेस अब इस मुद्दे को गांव-गांव तक ले जाने की योजना बना रही है।

इस घेराबंदी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, ''लाड़ली बहनों को संकल्प पत्र में दिए गए वादे पूरे नहीं हुए हैं।

मैं सभी से आग्रह करता हूं कि इस बहरी और गूंगी सरकार को आवाज उठानी चाहिए, ताकि प्रधानमंत्री से लेकर कृषि मंत्री तक सभी को पता चले कि वादे पूरे नहीं हुए हैं।' इस घेराबंदी का हिस्सा बनना सभी के लिए जरूरी है, ताकि अधिकारों की यह लड़ाई सरकार को नींद से जगा सके।