MP का वन विभाग ड्रोन से करने जा रहा जंगलों की सुरक्षा


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स्टोरी हाइलाइट्स

जंगलों को काटा, आग लगाई तो ड्रोन से नहीं बच सकेंगे..!!

जंगलों की सुरक्षा में सेंध लगाई तो ड्रोन की नजर से नहीं बच सकेंगे। मप्र जंगलों को सुरक्षित रखने के लिए ड्रोन की मदद लेने जा रहा है। ये ड्रोन उन वन मंडलों के जंगलों पर नजर रखेंगे जहां लकड़ी कटाई और आग लगाने की ज्यादा संभावना है। जंगलों को अतिक्रमण से बचाने में भी इनका उपयोग किया जाएगा। वन मुख्यालय ने यह कवायद तेज कर दी है। कुछ वन मंडलों को हाईटेक ड्रोन दे दिए हैं, अब वहां के अमले को ट्रेन किया जा रहा है, ताकि संबंधित वन मंडल अधिक से अधिक ड्रोन का उपयोग कर सकें।

ऐसे लेंगे ड्रोन की मदद.. 

अधिकारियों के मुताबिक वन मंडलों में लकड़ी को अवैध कटाई और अतिक्रमण संभावित क्षेत्रों में बीच-बीच में अचानक ड्रोन से निगरानी की जाएगी। ऐसे वन मंडलों में चुनौतिपूर्ण वन क्षेत्रों के ड्रोन से फोटो सुरक्षित किए जाएंगे और बीच-बीच में रेडमली ड्रोन से निगरानी कर देखा जाएगा कि कहीं लकड़ी कटाई या अतिक्रमण तो नहीं हुआ। इस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। 

अधिकारियों के मुताबिक धार जैसे जिन जिलों में नीलगाय का मूवमेंट अधिक है और ये बार-बार राजस्व भूमि में प्रवेश करती हैं। ऐसे क्षेत्रों में ड्रोन से नजर रखी जाएगी कि संबंधित क्षेत्र में फसलों की स्थिति पूर्व में कैसी थी और नीलगाय के प्रवेश के बाद कितना नुकसान हुआ। मानसून गश्ती के लिए पहले से मप्र के पास हाथियों की संख्या कम है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर ड्रोन की मदद से बाघों की निगरानी की जाएगी। विशेषज्ञ क्षेत्रों में वनों का घनत्व देखने के लिए ड्रोन से तस्वीर लेकर अध्ययन में मदद ली जाएगी।

विभाग के सामने चुनौती, कम करेगा ड्रोन..

प्रदेश में वनों पर हर तरफ से हमले हो रहे हैं। कहीं आग लगाई जा रही है तो कहीं अतिक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर पट्टटे की मांग कम नहीं हुई है। वनों की कटाई तो आम बात हो गई है। इधर वन विभाग के पास बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए मैन पावर नहीं है, जो है वह कम पड़ रहा है। इन समस्याओं में प्रमुख अतिक्रमण है, जिसका दायरा बढ़ता जा रहा है। 

ग्रामीण हो या शहरी, हर क्षेत्र में वनों की सीमा से सटे क्षेत्रों में किए जा रहे हैं। बाद में इसी क के बदले पट्टे की मांग की जाने लगती है। इस तरह बनो पर अघात पहुंच रहा है और पट्टे वितरण की स्थिति में वनों का क्षेत्रफल सिमटता जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि ड्रोन इन सभी चुनौतियों को कम करने में मदद करेगा।