मप्र में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अंततः मंत्रिमंडल ने आकार ले लिया। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पिछले कई दिनों से मंथन व अटकलों का दौर चल रहा था जो नए मंत्रियों की शपथ के साथ समाप्त हो गया। सोमवार को 28 विधायकों ने राजभवन में मंत्रीपद की शपथ ली।
बड़ी बात यह है कि मंत्रिमंडल में शिवराज सरकार के 10 मंत्री जगह नहीं पा सके। शिवराज सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, बृजेंद्र प्रताप सिंह, प्रभुराम चौधरी, बृजेंद्र सिंह यादव, बिसाहू लाल सिंह, हरदीप डंग, ओमप्रकाश सखलेचा, मीना सिंह और उषा ठाकुर मोहन यादव सरकार के पहले मंत्रिमंडल से बाहर हो गए।
नए मंत्रिमंडल में शिवराज सरकार के केवल 6 मंत्रियों को ही जगह मिली। शिवराज सरकार में कुल 33 मंत्री थे। इनमें से 31 चुनावी मैदान में उतरे थे। 12 मंत्री चुनाव हारे, जबकि 19 मंत्री जीतकर फिर से विधानसभा पहुंचे। इनमें से मोहन यादव मुख्यमंत्री, जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ला डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ले चुके हैं। बचे 16 में से 10 को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई।
नए मंत्रिमंडल में पांच महिला विधायकों को शामिल किया गया। इनमें निर्मला भूरिया, कृष्णा गौर, संपतिया उइके, राधा सिंह और प्रतिमा बागरी शामिल हैं। अगर जातिगत समीकरणों की बात की जाये तो 7 मंत्री सामान्य वर्ग से, 12 ओबीसी, 5 एसटी और 4 एससी वर्ग से मंत्रिमंडल में शामिल हुए।
पहली बार जीतकर आए 6 विधायक भी मंत्री बनाये गए। इनमे दिग्गज नेता प्रहलाद सिंह पटेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के अलावा संपतिया उइके, नरेंद्र पटेल, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह शामिल हैं। भोपाल से विश्वास सारंग और कृष्णा गौर को केबिनेट बर्थ मिली। वहीं पांच राज्यों में हुए चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीत दर्ज करने वाले रमेश मेंदोला भी कैबिनेट में स्थान नहीं बना पाए।