झाबुआ मनरेगा प्रिंटिंग घोटाले में पूर्व कलेक्टर और तत्कालीन सीईओ धुर्वे सहित 7 को 4-4 साल की सजा


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स्टोरी हाइलाइट्स

कुल 9 लोगों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था..!

भोपाल: विशेष न्यायालय झाबुआ के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने जिले में हुए बहुचर्चित मनरेगा प्रिटिंग घोटाले में कलेक्टर रहे जगदीश शर्मा आईएएस एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जगमोहन धुर्वे सहित कुल 7 लोगों को न्यायालय ने 4-4 साल जेल की सजा सुनाई है. तो कोई दोस्त मुक्त किया है.  कुल 9 लोगों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में जिला पंचायत में मनरेगा अंतर्गत समग्र स्वच्छता अभियान के प्रचार पोस्टर, रजिस्टर आदि सामग्री की छपाई की गई थी. यह कार्य शासकीय मुद्रणालय के बजाय निजी मुद्रणालय से 33.54 लाख 616 रुपए में मेसर्स राहुल प्रिंटर्स भोपाल से कराया गया. प्रिंटिंग प्रेस के मालिक का नाम मुकेश शर्मा बताया गया. जबकि शासकीय मुद्रणालय में यह काम 5,83,891 रुपए में हो जाता. ऐसे में शासन को 27,70, 725 रुपए का नुकसान पहुंचा. मामले में हुई शिकायत और विशेष न्यायालय में दायर किए गए परिवाद के बाद जांच के लिए प्रकरण विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त इंदौर को भेजा गया था.

जांच में पुष्टि होने पर लोकायुक्त पुलिस ने झाबुआ के तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा, तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ जगमोहन सिंह धुर्वे, मनरेगा (तकनीकी) के परियोजना अधिकारी एन.एस.तंवर, स्वच्छता मिशन के जिला समन्वयक अमित दुबे, लेखाधिकारी सदाशिव डावर आशीष कदम, शासकीय मुद्रणालय भोपाल के उप नियंत्रक देवदत्त एके खंडूरी और मेसर्स राहुल प्रिंटर्स भोपाल के मालिक मुकेश शर्मा को आरोपी बनाया. इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13(1), डी, 13(2) आईपीसी धारा 420 और 120 बी के तहत दर्ज किया गया था.