MP News: उज्जैन में बड़ी कार्रवाई! महाकाल नगरी में चला बुलडोजर, बेगम बाग ढहाई गईं की अवैध इमारतें


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स्टोरी हाइलाइट्स

MP Ujjain News: 19 दिन पहले भी यहां 5 इमारतें ढहाई गई थीं, लेकिन तब विरोध हुआ था। इस बार लोगों ने खुद ही अपनी इमारतें खाली कर दीं, जिससे प्रशासन को कोई परेशानी नहीं हुई..!!

MP News: उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास बेगम बाग क्षेत्र में पुलिस प्रशासन ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। हरिफाटक पुल के पास महाकाल मंदिर जाने वाले मार्ग पर बनी 7 अवैध इमारतों को ढहाने की कार्रवाई बुधवार की सुबह से ही कार्रवाई जाही है। यह कार्रवाई बिना किसी विरोध के शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है। 19 दिन पहले भी यहां 5 इमारतें ढहाई गई थीं, लेकिन तब विरोध हुआ था। इस बार लोगों ने खुद ही अपनी इमारतें खाली कर दीं, जिससे प्रशासन को कोई परेशानी नहीं हुई।

कार्रवाई के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मौके पर 250 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं, जिनमें आईपीएस अधिकारी, एडिशनल एसपी, सीएसपी, टीआई और जवान शामिल हैं। इसके अलावा 250 से ज्यादा प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद हैं। इसमें विकास प्राधिकरण के सीईओ, एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी और निगम कर्मचारी शामिल हैं। चूंकि यह इलाका मुस्लिम बहुल है, इसलिए इसे संवेदनशील मानते हुए दोनों तरफ से सड़क पूरी तरह बंद कर दी गई है और महाकाल मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते को डायवर्ट कर दिया गया है।

1985 में उज्जैन विकास प्राधिकरण ने बेगमबाग क्षेत्र में करीब 30 प्लॉट 30 साल की लीज पर दिए थे, ताकि लोग वहां रिहायशी मकान बना सकें। लेकिन प्लॉट धारकों ने इनका इस्तेमाल व्यावसायिक गतिविधियों के लिए करना शुरू कर दिया। 2014-15 में इनके पट्टे खत्म हो गए, लेकिन किसी ने इनका नवीनीकरण नहीं कराया। प्राधिकरण ने कई बार नोटिस जारी किए और आखिरकार 2023-24 में पट्टे निरस्त कर दिए। इसके बाद कुछ लोगों ने कोर्ट में केस दायर कर कई प्लॉट पर स्टे ले लिया, जिसे अब हटा दिया गया है।

विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए 30 प्लॉट का साइज करीब 2400 वर्ग फीट था। लेकिन प्लॉट धारकों ने इन्हें टुकड़ों में बांटकर 65 इमारतें खड़ी कर दीं। अब तक 12 भवनों को ध्वस्त किया जा चुका है तथा शेष 53 भवनों के लिए कानूनी प्रक्रिया चल रही है। आज ध्वस्त की जा रही 7 इमारतें 4 भूखंडों पर बनी थीं। गुलनाज खान ने भूखंड क्रमांक 20 को दो भागों में बांटकर दुकानें बना ली थीं। मोहम्मद शाहिद ने भूखंड क्रमांक 30 को बांटकर होटल बना लिया था। कनीज खान ने भूखंड क्रमांक 59 का उपयोग केवल व्यवसायिक उद्देश्य से किया था, जबकि जुबैदा खान ने भूखंड क्रमांक 64 को बांटकर दुकानें बना ली थीं।

उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप कुमार सोनी ने बताया कि कोर्ट द्वारा स्टे हटाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि लोगों को दिए गए भूखंड केवल आवासीय उपयोग के लिए थे, लेकिन उनका उपयोग व्यवसायिक रूप में किया जा रहा था, जो नियमों का उल्लंघन है। साथ ही लीज समाप्त होने पर भी उसका नवीनीकरण नहीं किया गया। 8 दिन पहले सभी को नोटिस दिया गया था तथा समय सीमा बीत जाने के बाद आज शांतिपूर्वक कार्रवाई की गई। लोगों को कोर्ट की प्रक्रिया समझाई गई तथा उन्होंने स्वयं ही भवन खाली कर दिए, जिससे कोई विवाद नहीं हुआ।