प्रदेश के 11 जिलों के 24 विकासखण्ड डार्क जोन में


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स्टोरी हाइलाइट्स

सीएम का विधानसभा क्षेत्र भी शामिल, बनेगी कार्ययोजना.

भोपाल। प्रदेश के 11 जिलों के 24 विकासखण्ड डार्क जोन में हैं। इनमें मुख्यमंत्री मोहन यादव का उज्जैन विधानसभा क्षेत्र का उज्जैन विकासखण्ड भी शामिल है। सीएम के निर्देश पर अब राज्य का जल संसाधन विभाग इन डार्क जोन के बोरवेल, टेंक एवं सिचाई के अन्य स्रोतोंं के पुनरुध्दार की कार्ययोजना बनाने में जुट गया है।

उल्लेखनीय है कि डार्क जोन वह क्षेत्र है जहां भूजल की कमी, रिचार्जिंग की दर से अधिक है। केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा देश में 6584 मूल्यांकन किए गए ब्लॉकों में पाया है कि उनमें 1,034 ब्लाकों में जल का अत्यधिक दोहन किया गया है और इनमें पानी की अत्यंत कमी है, इन ब्लॉकों को डार्क जोन कहा जाता है।

ये विकासखण्ड शामिल हैं डार्क जोन में :

उज्जैन जिले में घटिया, बडऩगर एवं उज्जैन। शाजापुर जिले में कालापीपल, मोहन बड़ादिया एवं शुजालपुर।
रतलाम जिले में रतलाम, आलोट, पिपलौदा एवं जावरा। राजगढ़ जिले में सारंगपुर। नीमच जिले में नीमच एवं जावद। मंदसौर जिले में मंदसौर एवं सीतामऊ। इंदौर जिले में देपालपुर। धार जिले में नालछा, धार व बदनावर। देवास जिले में सोनकच्छ एवं देवास। बड़वानी जिले में पानसेमल। आगर मालवा जिले में नलखेड़ा एवं सुसनेर।

बनेगी कार्ययोजना :

उत डार्क जोन वाले विकासखण्डों में पानी के स्रोतों के पुनरुध्दार हेतु कार्ययोजना बनेगी। जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता शिशिर कुशवाहा ने जल संसाधन संभाग उज्जैन, नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर एवं चम्बल बेतवा कछार भोपाल के मुख्य अभियंताओं को निर्देश देकर कहा कि पानी के स्रोतों का निरीक्षण कर 3 दिन के अंदर एस्टीमेट बनाकर उसकी तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर कार्ययोजलना पूर्ण करने हेतु एक्शन प्लान भोपाल स्थित मुख्यालय भेजें। इसके लिये मप्र भाजपा के संकल्प पत्र 2023 के बिन्दु समृध्द किसान का भी हवाला दिया गया है जिसका पालन किया जाना है।