भोपाल: प्रदेश के ऐसे रियल एस्टेट एजेन्ट्स जिन्होंने एमपी रेरा में अपना पंजीयन कराया है और जिनका सालाना टर्न ओवर 20 लाख रुपये या इससे अधिक है, पर अब केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत गठित फायनेन्शियन इंटेलीजेंस यूनिट-एफआईयू की नजर रहेगी। एफआईयू के निर्देश पर एमपी रेरा ने अपने यहां दर्ज ऐसे रियल एस्टेट एजेन्ट्स का विवरण एफआईयू में दर्ज कराया है। एफआईयू का कार्य संदिग्ध वित्तीय लेनदेन का विश्लेषण कर इसकी सूचना सीबीआई, ईडी आदि एनफोर्समेंट एजेन्सियों को देना है।
क्या होते हैं रियल एस्टेट एजेंट :
एक रियल एस्टेट एजेंट के दैनिक कर्तव्यों में स्थाई संपत्ति का विपणन और लिस्टिंग करना, घर के मालिकों और खरीदारों के साथ सीधे काम करना और कागजी कार्रवाई में विभिन्न पक्षों की मदद करना शामिल है।
एमपी रेरा में ऐसे एजेन्ट्स का पंजीयन 10 हजार रुपये के शुल्क के साथ होता है तथा यदि ऐसा एजेन्ट्स कोई फर्म या कंपनी है तो उसका पंजीयन 50 हजार रुपये शुल्क के साथ किया जाता है।